एटीएम मशीन से फर्जीवाड़े के आरोप में तीन इंजीनियरिंग छात्र गिरफ्तार
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एटीएम मशीन से फर्जीवाड़े के आरोप में तीन इंजीनियरिंग छात्र गिरफ्तार

छात्रों को गुरुवार को अदालत में पेश किया गया और उन्हें 21 अगस्त तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

कोलकाता( सुकांता मुखर्जी) : शहर में एटीएम मशीन से फर्जीवाड़ा करने के पीछे तीन बेरोजगार इंजीनियरिंग छात्रों की भूमिका सामने आई है. इसका खुलासा तब हुआ जब गुरुवार को शहर के कई इलाकों में तलाशी के बाद तीन इंजीनियरिंग के छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के मुताबिक इन छात्रों के पास से स्कीमर मशीन, स्क्रू ड्राइवर, क्लोन कार्ड, सीसीटीवी कैमरा और एटीएम से जुड़े औजार बरामद किए गए.

  1. छात्रों के पास से स्कीमर मशीन, स्क्रू ड्राइवर, क्लोन कार्ड, सीसीटीवी कैमरा और एटीएम से जुड़े औजार मिले.
  2. तकनीक के जानकार होने की वजह से इंजीनियरिंग के छात्रों को मोटी रकम दी जाती थी. 
  3. स्कीमिंग उपकरण को एटीएम से निकाल लेते थे ताकि रात में वो क्लोन एटीएम कार्ड का डाटा जमा कर सकें.

यह गिरफ्तारी बीते 3 अगस्त को रोमानिया के तीन नागरिकों से पूछताछ के बाद की जा सकी है. रोमानिया के नागरिकों के एक गैंग को कोलकाता में लोगों में एटीएम से पैसे निकालने के नाम पर डर पैदा करने के लिए भेजा गया था. छात्रों को गुरुवार को अदालत में पेश किया गया और उन्हें 21 अगस्त तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है.

कोलकाता पुलिस की विशेष जांच दल (एसआईटी) इस मामले में शहर के कई स्थानों पर जांच कर रही है. कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जी मीडिया से कहा कि हमने इस गैंग के काम करने के तरीके का पता लगा लिया है और एक से दो दिनों के अन्दर इस मामले को हम सुलझा लेंगे. अधिकारी ने यह स्वीकार भी किया कि शहर के कई एटीएम आज भी ऐसे हैं जहां कोई सुरक्षा गार्ड मौजूद नहीं है. इस घटना के बाद राज्य सरकार ने बीते मंगलवार को बैंक संगठनों के साथ बैठक की और पूरे शहर में एटीएम की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए. पिछले सप्ताह बैंकिंग संगठनों ने कर्मचारी की कमी की वजह से कई एटीएम की सुरक्षा कर पाने में असमर्थता जताई थी.

रोमानिया के नागरिकों से जब एसआईटी ने पूछताछ की तो पता चला कि इस अपराध में देश के कई क्षेत्रों से बेरोजगार इंजीनियरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. पुलिस ने बताया कि इस अपराध के बदले तकनीक के जानकार होने की वजह से इंजीनियरिंग के छात्रों को मोटी रकम दी जाती थी. खास बात यह है कि एटीएम से छेड़छाड़ अप्रैल में की गई, जबकि नकद निकासी करने की शुरुआत जुलाई के अंत में की गई. गिरफ्तार किए गए यह छात्र हमेशा कोलकाता आते रहते थे और मानव रहित एटीएम की पड़ताल सुबह में करते थे. ये स्कीमिंग औजार की मदद से रात होने से पहले ही स्कीमिंग उपकरण को एटीएम से निकाल लेते थे ताकि रात में वो क्लोन एटीएम कार्ड का डाटा जमा कर सकें. गिरफ्तार छात्र शहर के सदर स्ट्रीट, न्यू मार्केट और मिर्जा गालिब स्ट्रीट में ठहरते थे. यह इलाका हर तरफ से जुड़ा है और इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर की दुकानें भी यहां काफी हैं।

 

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