Pahalgam Terror Attack: पश्चिम बंगाल से TMC के सांसद अभिषेक बनर्जी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार पर कई सवाल खड़े किए हैं.
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Abhiskek Banerjee On Pahalgam Terror Attack: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रस ( TMC) के सांसद अभिषेक बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर अपने एक पोस्ट में पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सरकार पर सवाल उठाया है. उन्होंने लिखा कि एक जिम्मेदार भारतीय नागरिक होने के नाते इस आतंकी हमले को लेकर सरकार सामने ये 5 सवाल खड़े करना चाहते हैं.
सरकार पर दागे सवाल
अभिषेक बनर्जी ने लिखा,' पहलगाम आतंकी हमले को 55 दिन से अधिक दिन बीत चुके हैं. यह बेहद चिंताजनक है कि लोकतंत्र में न तो मेनस्ट्रीम मीडिया, न विपक्ष के सदस्य और न ही न्यायपालिका भारत सरकार के सामने इन 5 महत्वपूर्ण सवालों को उठाने के लिए आगे आई है, हालांकि मैं देश की भलाई के लिए प्रतिबद्ध नागरिक और जवाबदेही के साथ सौंपे गए एक जनप्रतिनिधि के रूप में भारत सरकार के सामने ये 5 सवाल उठाता हूं.'
It has been over 55 DAYS since the PAHALGAM terror attack. It is deeply concerning that in a democracy neither the mainstream media, members of the opposition, nor the judiciary has stepped forward to raise these five critical questions before the Government of India. However, as…
— Abhishek Banerjee (@abhishekaitc) June 16, 2025
अभिषेक बनर्जी के सवाल
बॉर्डर ब्रीच और सिविलियन कैजुअल्टी
अभिषेक बनर्जी ने अपने पोस्ट में लिखा कि कैसे 4 आतंकी सीमा पर घुसपैठ करने और 26 निर्दोष नागरिकों को मारने वाले इस हमले को अंजाम देने में सफल हो गए. उन्होंने लिखा,' नेशनल सिक्योरिटी में इस बड़े उल्लंघन के लिए जवाबदेही कहां है?'
इंटेलिजेंस का फेल्योर और IB चीफ का एक्सटेंशन
TMC सांसद ने लिखा कि अगर यह एक इंटेलिजेंस फेल्योर था तो खुफिया ब्यूरो प्रमुख को 1 साल का विस्तार क्यों दिया गया, वह भी हमले के बमुश्किल एक महीने बाद? उन्हें जवाबदेह ठहराने के बदले पुरस्कृत क्यों किया गया? ऐसी भी क्या मजबूरी थी?
आतंकवादियों की स्थिति
अभिषेक बनर्जी ने लिखा,' इस क्रूर, धर्म-आधारित नरसंहार के लिए जिम्मेदार 4 आतंकी कहां हैं? क्या वे मर चुके हैं या जीवित हैं? अगर उन्हें मार गिराया गया है, तो सरकार स्पष्ट बयान क्यों नहीं दे पाई? और अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया है, तो चुप्पी क्यों है?'
PoK और युद्ध विराम समझौता
अभिषेक बनर्जी ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा,' भारत पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (PoJK) को कब वापस लेगा? सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति के इस दावे पर आधिकारिक रूप से प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी कि उन्होंने व्यापार के वादों के साथ भारत को युद्ध विराम के लिए राजी किया - ठीक उसी तरह जैसे राष्ट्र अपनी जाति, पंथ, धर्म और राजनीतिक संबद्धता से परे एक साथ खड़ा था, धार्मिकता की जीत का जश्न मना रहा था और हमारे सशस्त्र बलों की वीरता और बलिदान को सलाम कर रहा था? 140 करोड़ भारतीयों की भावनाओं की अवहेलना क्यों की गई? इस तरह के समझौते का कारण क्या था?'
ग्लोबल डिप्लोमेसी और हिपोक्रेसी
अभिषेक बनर्जी ने सवाल किया कि पहलगाम हमले के बाद पिछले एक महीने में 33 देशों से संपर्क करने के बाद आखिर कितने देशों ने भारत को स्पष्ट समर्थन दिया. उन्होंने लिखा,' अगर हम वाकई विश्वगुरु हैं और दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, तो IMF और विश्व बैंक ने पहलगाम हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर और 40 बिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता और दीर्घकालिक निवेश की मंजूरी क्यों दी? सीमा पार आतंकवाद में बार-बार शामिल एक देश न केवल वैश्विक जांच से कैसे बच गया, बल्कि उसे पुरस्कृत भी किया गया?' उन्होंने लिखा कि सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि पाक को एक महीने बाद ही UNSC में आतंकवाद-रोधी समिति का उपाध्यक्ष क्यों नियुक्त किया गया? उन्होंने लिखा कि पिछले 10 सालों में विदेश मामलों पर दो लाख करोड़ से ज्यादा खर्चा किया गया है. ऐसे में भारतीय जनता पारदर्शिता, जवाबदेही और परिणाम की हकदार है चुप्पी और घुमाव की नहीं. उन्होंने लिखा कि देश प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहा है.