बांस के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए गौलापार में बनेगा संग्रहालय और विशेष बाजार
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बांस के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए गौलापार में बनेगा संग्रहालय और विशेष बाजार

वन संरक्षक (पश्चिमी वन वृत्त) डॉ. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि बांस के उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हम बांस बाजार को विकसित करने जा रहे हैं.

बैंबू प्रोडक्ट की ऑनलाइन बिक्री के लिए विशेष पोर्टल भी होगा तैयार. (प्रतीकात्‍मक फोटो)

हल्द्वानी: उत्तराखंड में हल्द्वानी के गौलापर में बांस बाजार बनाने की कवायद शुरू हो रही है. बैंबू बोर्ड के निर्देशन में वन विभाग इसे तैयार करेगा. इस परियोजना को स्वीकृति मिल चुकी है. वन संरक्षक (पश्चिमी वन वृत्त) डॉ. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि बांस के उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हम बांस बाजार को विकसित करने जा रहे हैं. यहां बांस संग्रहालय और बांस केन्द्र भी विकसित किए जाएंगे. इसके अलाव, यहां बांस की नर्सरी भी विकसित की जाएगी. 

  1. हल्‍द्वानी के गौलापार में बनेगा नया बांस बाजार
  2. बांस उत्‍पादों को बढ़ावा देने के लिए बनाया जाएगा नया बाजार
  3. बाजार में संग्रहालय और बांस केंद्र का भी होगा निर्माण

डॉ. पराग धकाते ने बताया कि बैंबू प्रोडक्ट की ऑनलाइन बिक्री भी की जाएगी. इसके लिए पहले उत्तराखंड के उत्पादों का पोर्टल तैयार होगा. उसके बाद दूसरे राज्यों के उत्पादों का सहयोग लेकर प्रचार किया जाएगा. इसके लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जाएगा. बायोडायवर्सिटी पार्क में बैंबू सेंटर बनेगा, जहां बांस उत्पादों की बिक्री के साथ ही उसकी मार्केटिंग भी होगी. इन उत्पादों से जुड़कर लोग बेहतर रोजगार पा सकते हैं. स्थापित केंद्रों में भी प्रशिक्षित ट्रेनर लोगों को उत्पाद बनाना सिखाएंगे. अलग-अलग राज्यों के उत्पाद पहुंचने से स्थानीय लोग हस्तकला की विविधिता समझ सकेंगे.

पराग ने बताया कि उत्तराखंड के पहले बैंबू बाजार में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, असम, मिजोरम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय व त्रिपुरा के बांस के उत्पाद नजर आएंगे. वहां के उत्पादों को यहां लांच किया जाएगा. उन्होंने बताया कि बांस एक ऐसा उत्पाद है, जो काटने के बाद हर तीन साल में तैयार हो जाता है. इसलिए इसका बाजार बनाने में लोगों को फायदा भी है. वन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, उत्तराखंड के गौलापर में प्रदेश का यह पहला बांस बाजार बन रहा है. इस परियोजना को स्वीकृति मिल चुकी है. अनुमति मिलने के साथ ही फंड भी जारी हो चुका है.

वन विभाग के अफसरों मुताबिक, गौलापार जू के बगल में 100 हेक्टेयर जमीन पर बायोडायवर्सिटी पार्क बनना है, और इसके लिए जमीन मिल चुकी है. इसी इलाके में बैंबू मार्केट तैयार होगी. इसका नक्शा भी तैयार हो चुका है. काम भी जल्द शुरू हो जाएगा. अधिकारियों के अनुसार, इस मार्केट के निर्माण में बांस का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होगा. बांस से बने फर्नीचर, टोकरी, खिलौने व हट की बिक्री तो यहां होगी ही, बांस से ही प्रदर्शनी स्थल व म्यूजियम भी बनाए जाएंगे, ताकि लोग बांस की उपयोगिता समझ सकें. 

(इनपुट: एजेंसी आईएएनएस)

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