आज ही हुआ था गुजरात और महाराष्‍ट्र का गठन, राष्‍ट्रपति-प्रधानमंत्री ने दी बधाई
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आज ही हुआ था गुजरात और महाराष्‍ट्र का गठन, राष्‍ट्रपति-प्रधानमंत्री ने दी बधाई

1 मई, 1960 को बांबे स्‍टेट से विभाजित होने के बाद गुजरात और महाराष्‍ट्र का गठन हुआ था.

गुजरात और महाराष्‍ट्र दिवस आज मनाया जा रहा है. (प्रतीकात्‍मक फोटो)

नई दिल्‍ली : गुजरात और महाराष्‍ट्र दिवस आज है. 1960 में 1 मई को ही दोनों राज्‍यों की स्‍थापना हुई थी. पश्चिम भारत के गहने के रूप में पहचाना जाने वाला राज्‍य गुजरात और कारोबारी प्रदेश महाराष्‍ट्र 1960 से पहले बांबे स्‍टेट का हिस्‍सा थे. 1 मई, 1960 को आधिकारिक रूप से दोनों को बांबे स्‍टेट से विभाजित करके इनका गठन किया गया था. दोनों ही राज्‍यों के स्‍थापना दिवस को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोनों ही प्रदेश की जनता को ट्विटर के जरिये बधाई दी है. 

  1. 1960 से पहले बांबे स्‍टेट का हिस्‍सा थे दोनों राज्‍य
  2. गुजरात के गठन का विचार पहली बार 1928 में पेश हुआ
  3. दोनों राज्‍यों के गठन के लिए चलेे थे आंदोलन

गुजरात के गठन का विचार

गुजरात के गठन का विचार पहली बार 1928 में कुमार नामक मैगजीन में देश के सामने रखा गया था. लेखक और स्‍वतंत्रता सेनानी केएम मुंशी ने पहली बार महागुजरात के गठन का विचार पेश किया. 1937 में कराची में आयोजित हुई गुजरात साहित्‍य सभा में इसके गठन को लेकर पहला प्रस्‍ताव पेश किया गया था. गुजरात का मैप भी पहली बार इसी मैगजीन में देवशवजी परमार की कविता के साथ प्रकाशित किया गया था. इसका शीर्षक उत्‍थृष्‍ट जागृत था. ब्रिटिश शासन में गुजरात प्रमुख व्‍यावसायिक केंद्र हुआ करता था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गुजरात से ही ताल्‍लुक रखते हैं. गुजरात की आबादी 6.03 करोड़ है और क्षेत्रफल 1.96 लाख वर्ग किमी है.

बांबे स्‍टेट और बांबे प्रेसीडेंसी की कहानी
गुजरात और महाराष्‍ट्र गठन से पहले बांबे स्‍टेट का हिस्‍सा थे. यह बांबे स्‍टेट बांबे प्रेसीडेंसी हिस्‍सा रहा था. बांबे प्रेसीडेंसी का अस्तित्‍व 1843 से लेकर 1936 तक था. 1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद यह दो हिस्‍सों में बंट गया. एक था सिंध और दूसरा था बांबे स्‍टेट. गुजराती भाषी लोगों द्वारा अलग महागुजरात के गठन की मांग पर चलाए गए आंदोलन और मराठी भाषी लोगों द्वारा अलग राज्‍य की मांग को लेकर चलाए गए आंदोलन के बाद बांबे स्‍टेट को 1 मई, 1960 को दो हिस्‍सों में विभाजित किया गया. गुजराती बोलने वालों के लिए गुजरात और मराठी भाषी लोगों के लिए महाराष्‍ट्र.

बांबे प्रेसीडेंसी में थे 26 जिले
बांबे प्रेसीडेंसी को चार कमिशनरी में बांटा गया था. इसके अलावा इसमें छह जिले थे. बांबे प्रेसीडेंसी की राजधानी बांबे शहर था. इसके चार हिस्‍से उत्‍तर में गुजरात, मध्‍य में दक्‍कन, दक्षिण में कार्नेटिक और सिंध थे. 26 जिलों में प्रमुख रूप से रत्‍नागिरि, कराची, हैदराबाद, भरूच, अहमदाबाद, बांबे शहर, शोलापुर शामिल थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरातियों को गुजरात दिवस की बधाई देते हुए ट्वीट किया 'गुजरात दिवस की बधाई. गुजरात के लोग सादेपन और कारोबारी उमंग के लिए जाने जाते हैं. गुजरात ने हमारे देश के इतिहास में, खासकर स्‍वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई. गुजरात ऐसे ही देश के विकास में अहम योगदान देता रहे'.

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्‍ट्र दिवस के अवसर पर ट्वीट करके कहा 'महाराष्‍ट्र दिवस के मौके पर प्रदेश की जनता को बधाई. मैं महाराष्‍ट्र की प्रगति और समृद्धि की कामना करता हूं. प्रदेश नई ऊंचाई पर पहुंचे और देश के विकास में अहम योगदान देता रहे'.

 

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी गुजरात दिवस पर ट्वीट करके कहा 'गुजरात दिवस के मौके पर गुजरात की जनता को बधाई. आने वाले वर्षों में भी गुजरात विकास की नई ऊंचाइयां प्राप्‍त करे'.

 

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्‍ट्र दिवस पर ट्वीट करके कहा 'महाराष्‍ट्र दिवस पर महाराष्‍ट्र की जनता को बधाई. आने वाले वर्षों में प्रदेश समृद्ध बने और विकास करे'.

 

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