देशभर के 40 हजार व्यापारी संगठनों से जुड़े 8 करोड़ व्यापारियों ने शुक्रवार को भारत बंद (Bharat Bandh) का ऐलान किया है. GST में सुधार के लिए व्यापारियों ने ये ऐलान किया है, जिसका ट्रांसपोर्टर्स संगठनों ने भी समर्थन किया है.
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नई दिल्ली: देशभर के 8 करोड़ से ज्यादा व्यापारियों ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) में सुधार के लिए शुक्रवार को भारत बंद (Bharat Bandh) का आह्वान किया है. इस फैसले का समर्थन करते हुए ट्रांसपोर्टर्स संगठनों (Transporters Association) ने ट्रकों को पार्क कर सुबह 6 बजे से लेकर शाम 8 बजे तक चक्का जाम करने का ऐलान किया है.
व्यापारियों के संगठन CAIT से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली समेत देशभर के सभी राज्यों में छोटे-बड़े 1500 व्यापारी संगठन GST पोर्टल पर लॉग इन नहीं कर अपना विरोध प्रदर्शित करेंगे. इसमें लघु उद्योग, हॉकर्स, महिला उद्यमी और व्यापार से जुड़े अन्य क्षेत्रों के राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय संगठन भी शामिल होंगे. हालांकि इस देशव्यापी बंद से किसी को परेशानी ना हो इसलिए आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी. इसमें मेडिकल स्टोर, दूध, सब्जी आदि की दुकानें शामिल हैं.
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भारत बंद से पहले CAIT ने प्रधानमंत्री को एक चिट्ठी भी लिखी थी, जिसमें GST से जुड़े मुद्दों, ई-कॉमर्स कंपनियों से जुड़े मामलों का जिक्र था. इस चिट्ठी में CAIT ने प्रधानमंत्री से केंद्रीय लेवल पर एक 'स्पेशल वर्किंग ग्रुप' बनाने की मांग की थी, जिसमें सीनियर अधिकारी, CAIT के नुमाइंदे और इंडीपेंडेंट टैक्स एक्सपर्टस हों, जो GST के ढांचे की समीक्षा करें और सरकार को सुझाव दें.
इस दौरान CAIT ने ये भी सुझाव दिया कि हर जिले में 'डिस्ट्रिक्ट GST वर्किंग ग्रुप' का भी गठन किया जाए, जिससे टैक्स बेस बढ़े और रेवेन्यू में भी इजाफा हो. इस चिट्ठी में CAIT ने लिखा है कि हाल ही में GST में किए गए कुछ संशोधनों की वजह सरकारी अधिकारियों को मनमाने और निरंकुश अधिकार मिल गए हैं. CAIT का कहना है कि ये संशोधन पीएम मोदी के 'मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस' मिशन के उलट है, इन संशोधनों से देश में 'टैक्स टेररिज्म' का माहौल बना है.
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वेस्टर्न महाराष्ट्र टैक्स पेयर्स एसोसिएशन के स्वप्निल मुनोत का कहना है कि कारोबारियों की मांग है कि फिर से एमनेस्टी स्कीम लाई जाए. साथ ही लेट फीस पेमेंट पर सरकार कारोबारियों को राहत दे. उन्होंने बताया कि छोटे कारोबारियों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है. कहीं-कहीं तो जितनी पूंजी नहीं है, उससे ज्यादा लेट फीस और पेनल्टी चुकानी पड़ रही है.
अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (CAIT) ने 26 फरवरी को भारत बंद बुलाया है. इसमें 40,000 ट्रेडर्स एसोसिएशन शामिल हो रहे हैं, जो 8 करोड़ ट्रेडर्स की अगुवाई करते हैं. इसके अलावा ट्रांसपोर्टर्स की सबसे बड़ी संस्था ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA) ने भी CAIT के भारत बंद का साथ देने का ऐलान कर दिया है, मतलब शुक्रवार को देश में ट्रकों का भी चक्का जाम रहेगा.
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ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA) के प्रेसिडेंट प्रदीप सिंघल का कहना है कि पहले 1 दिन में 100 किलोमीटर चलने की शर्त थी, जिसे बढ़ाकर 200 किलोमीटर कर दिया गया है. कई बार अगर फुल लोड न हो तो समय सीमा बेहद कठिन हो जाती है. ई-वे बिल को लेकर कई समस्याएं हैं, ई-वे बिल एक्सपायरी पर भारी पेनल्टी का नियम है, टैक्स रकम के दोगुने के बराबर की रकम बतौर पेनल्टी वसूली जा रही है. अधिकारी छोटी छोटी गलतियों के लिए भी भी जुर्माना वसूल रहे हैं. प्रदीप सिंघल का कहना है कि जहां पर टैक्स चोरी नहीं है वहां पर टैक्स कम किया जाए, साथ ही या तो e-Way बिल को खत्म किया जाए या इसे सरल बनाया जाए, साथ ही सरकार की बजाय सामान भेजने और मंगाने वाले ही तय करें कि मियाद क्या होगी.
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