Bengal News: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता मदन मित्रा के एक बयान से विवाद छिड़ गया है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सचिवालय तक बीजेपी के मार्च के दौरान हिंसा और पुलिस पर हमलों में शामिल लोगों को सिर्फ दस मिनट में सबक सिखाया जा सकता है. हालांकि साथ ही राज्य के पूर्व मंत्री मित्रा ने यह भी कहा कि टीएमसी बीजेपी की विघटनकारी नीतियों के प्रतिशोध में इस तरह की कार्रवाई के हक में नहीं है. मित्रा ने कहा कि वह केवल बीजेपी को यह बताना चाहते हैं कि टीएमसी क्या कर सकती है लेकिन उस हद तक नहीं जाएगी.


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बीजेपी का पलटवार


बीजेपी के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने पलटवार करते हुए कहा कि टीएमसी नेता लगातार खतरनाक टिप्पणियां कर रहे हैं और उन्होंने लोगों का समर्थन खो दिया है. विधायक मित्रा ने अपने कमरहाटी निर्वाचन क्षेत्र में कहा, 'अगर पार्टी आलाकमान से निर्देश मिले तो (मार्च के दौरान) गुंडागर्दी और तोड़फोड़ करने, सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने और टीएमसी और प्रशासन को धमकी देने वालों को पीटने में दस मिनट से ज्यादा समय नहीं लगेगा.'


सिन्हा ने मित्रा पर पलटवार करते हुए कहा, 'टीएमसी नेता लगातार खतरनाक टिप्पणियां कर रहे हैं क्योंकि वे आम लोगों का समर्थन खो रहे हैं. हम विपक्ष को डराने के लिए इन नेताओं की ऐसी और टिप्पणियां देखेंगे. लेकिन टीएमसी के दिन गिने-चुने बचे हैं.' टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने कहा कि BJP को बंगाल के लोगों का कोई समर्थन नहीं है, इसलिए सिन्हा जैसे नेताओं की टिप्पणियों को अहमियत नहीं दी जानी चाहिए. पश्चिम बंगाल के राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ तक विरोध मार्च के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प के चलते कोलकाता और हावड़ा जिले के कुछ हिस्से पिछले मंगलवार को संघर्ष के मैदान में तब्दील हो गए थे.


थम नहीं रहा बीजेपी बनाम टीएमसी का दौर


इस महीने के दूसरे हफ्ते में तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद कल्याण बनर्जी ने भी आपत्तिजनक बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता धमकाए जाने या धमकी मिलने पर बीजेपी कार्यकर्ताओं का हाथ काट सकते हैं.' उन्होंने मंच पर मौजूद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने तृणमूल कांग्रेस की विशेष संगठनात्मक बैठक में यह बात कही थी.


बीजेपी ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि उनकी यह टिप्पणी TMC की मानसिकता को दिखाती है. मुख्यमंत्री ने भी बाद में कहा था कि सांसद ने अपनी भाषा में बात की लेकिन वह ऐसा नहीं कर सकती हैं. मुख्यमंत्री को राजनीति में अपना आदर्श बताते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद ने कहा था कि वह जो कुछ भी सही समझते हैं, वह कहते रहेंगे. 



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