मुख्यमंत्री ने मंगलवार जारी बयान में तीन तालाक विधेयक पास होने पर कहा, "प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उठाए गए इस कदम के लिए हम उनका अभिनंदन करते हैं. इ
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लखनऊ: तीन तलाक विधेयक लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस विधेयक का पारित होना केवल किसी मत, मजहब या जाति के लिए नहीं, बल्कि नारी गरिमा और उनके सम्मान की रक्षा के लिए आवश्यक था. मुख्यमंत्री ने मंगलवार जारी बयान में तीन तालाक विधेयक पास होने पर कहा, "प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उठाए गए इस कदम के लिए हम उनका अभिनंदन करते हैं. इस विधेयक का संसद में पारित होना भारत के संसदीय इतिहास का सबसे गौरवशाली दिन है. इस बिल का पारित होना केवल किसी मत, मजहब या जाति के लिए नहीं बल्कि नारी गरिमा और उनके सम्मान की रक्षा के लिए आवश्यक था."
योगी ने कहा कि भारत के संविधान में किसी भी नागिरक के साथ किसी भी प्रकार के भेदभाव को स्थान नहीं दिया गया है. महिला और पुरुष के बीच के भेदभाव को खत्म करने के लिए यह बिल जरूरी था. दुनिया के तमाम देशों, जिनमें बहुत सारे इस्लामिक देश भी शामिल हैं, अपने यहां तीन तलाक की कुप्रथा को प्रतिबंधित कर रखा है.
उस सबके बावजूद आजादी के बाद से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रिक देश यानी हमारे देश के अंदर यह कुप्रथा चली आ रही थी. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि जो लोग महिला सशक्तिकरण की बात करते थे, उन लोगों ने लोकसभा और राज्यसभा में नारी गरिमा के प्रतीक इस बिल का विरोध किया.
देश में कांग्रेस और प्रदेश में सपा-बसपा जैसे दलों के नेताओं के चेहरे बेनकाब हुए हैं. अब उनके चेहरे सबके सामने आ चुके हैं. योगी ने कहा, "मैं विश्वास करता हूं कि नारी सशक्तिकरण की दिशा में इस बहुत बड़े कदम को हम आगे बढ़ाने में सफल होंगे."