सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर पाकिस्तानी मूल के मुस्लिम स्कॉलर तारिक फतेह ने खुशी जताई है.
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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए एक बार में तीन तलाक पर अगले छह महीने तक के लिए रोक लगा दी है. कोर्ट में कहा गया कि संसद जब तक इस पर कानून नहीं लाती तब तक ट्रिपल तलाक पर रोक रहेगी. कोर्ट ने केंद्र सरकार को संसद में इसे लेकर कानून बनाने के लिए कहा है. कोर्ट में 3 जज इसे अंसवैधानिक घोषित करने के पक्ष में थे, वहीं 2 जज इसके पक्ष में नहीं थे. जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस फली नरीमन, जस्टिस जोसेफ कुरियन ने तीन तलाक को असंवैधानिक बताते हुए कहा- इससे मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन होता है. जबकि, इससे पहले चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने कहा कि तीन तलाक धार्मिक प्रक्रिया और भावनाओं से जुड़ा मामला है, इसलिए इसे एकदम से खारिज नहीं किया जा सकता.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर पाकिस्तानी मूल के मुस्लिम स्कॉलर तारिक फतेह ने खुशी जताई है. तारिक फतेह ने कहा कि, यह फैसला हमारे देश की बहु-बेटियों के हक में है. जी न्यूज पर इस मुद्दे पर बहस करते हुए तारिक फतह ने इस मामले पर एक मौलाना को करारा जवाब दिया है. इस फैसले को गलत बताने वाले मौलाना को जवाब देते हुए तारिक फतह ने कहा, कि ये बाबर-औरंगजेब का देश नहीं है, जो इस तरह के नियम चलेंगे.
The 5-member Indian Supreme Court ruled by a 3-2 majority that #TripleTalaq (Islamic Instant Divorce) is unconstitutional and set aside.
— Tarek Fatah (@TarekFatah) August 22, 2017
Indian Mullah accuses me of bring a Jew while discussing Sharia Law on @ZeeNews debate. Shameless anti-Semitism on live TV
— Tarek Fatah (@TarekFatah) August 22, 2017
बहस के दौरान तारिक फतेह ने मौलाना को जवाब देते हुए कहा कि, अगर आपको अपनी बेटियों की चिंता होती, तो यहां आप 3 तलाक का विरोध कर रहे होते. तारिक फतह ने कहा कि मुझे शर्म आ रही है कि अब भी आप तीन तलाक का पक्ष ले रहे हैं. हमें इस गलत प्रथा का नहीं अपनी बेटियों का साथ देना चाहिए. बहस में मौलाना के यह कहने पर कि पैगंबर साहेब ने इसका जिक्र किया है. इस पर फतह ने कहा कि इसका आपके पास क्या सबूत है.
बता दें कि इससे पहले भी तारिक फतह तीन तलाक के मुद्दे पर अपनी आवाज बुलंद करते रहे हैं. कई संगोष्ठी, टीवी डिबेट और कार्यक्रमों में तारिक फतेह तीन तलाक का गलत बताते रहे हैं और इसका विरोध भी करते रहे हैं.
'थप्पड़ है तीन तलाक का करारा जवाब'
पाकिस्तानी मूल के मुस्लिम स्कॉलर तारिक फतेह ने तीन तलाक और मोबाइल पर तलाक के बढ़ते मामलों को लेकर मौलवियों पर जमकर निशाना साधा था. हरियाणा के फरीदाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान तारिक फतेह के सामने जब हथीन में मोबाइल पर तलाक दिए जाने का मामला उठा तो उन्होंने कहा था कि ऐसे तलाक को ठीक ठहराने वाले मौलवियों पर थप्पड़ बरसने चाहिए.
'बीवियां एकजुट हों और तीन तलाक देकर अपने शौहर को निकाल दें'
एक अन्य संगोष्ठी कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में तारिक ने तीन तलाक मामले में कहा था कि कुरान के अलावा जो कुछ भी लिखा है, वह मौलानाओं का लिखा है. 90 फीसदी शरीयत मौलानाओं का लिखा हुआ है.
तारिक फतेह ने कहा, जब अल्लाह ने कुरान लिखकर कह दिया कि यह मुकम्मल हो गया तो मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड वालों ने कौन सी हदीस लिख दी. आज उन्होंने कुरान से मोटी किताब लिख दी है. आज वक्त ये आ गया है कि बीवियां एकजुट हों और तीन तलाक देकर अपने शौहर को निकाल दें.
तीन तलाक बंद हुआ तो बंद हो जाएगी मुल्ला-मौलवियों की दुकान
तारिक फतेह का कहना है कि तीन तलाक मुसलिम महिला के हक के खिलाफ है. तीन तलाक का कानून पर राजनीति हो रही है. यह बंद हो गया तो मुल्ला मौलवियों की दुकानें भी बंद हो जाएंगी. तीन तलाक भारतीय मुसलिम महिला की डिग्निटी और इक्वलिटी के खिलाफ है. यह तीन तलाक नहीं इंस्टेंट तलाक है.