क्या ट्रंप निभाएंगे दोस्ती? हो सकता है टैरिफ पर US-इंडिया का नया ऐलान, भारत की आ जाएगी मौज!
Advertisement
trendingNow12768028

क्या ट्रंप निभाएंगे दोस्ती? हो सकता है टैरिफ पर US-इंडिया का नया ऐलान, भारत की आ जाएगी मौज!

Trump Tariffs: भारत और अमेरिका 8 जुलाई से पहले अंतरिम व्यापार समझौते की घोषणा कर सकते हैं. इससे पहले भारत ने घरेलू वस्तुओं में 26 प्रतिशत टैरिफ छूट की मांग की है. 

क्या ट्रंप निभाएंगे दोस्ती? हो सकता है टैरिफ पर US-इंडिया का नया ऐलान, भारत की आ जाएगी मौज!

India US Trade Deal: पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की दोस्ती की चर्चा दुनिया भर में होती है. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति के कड़े रवैये ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है. इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. भारत और अमेरिका 8 जुलाई से पहले अंतरिम व्यापार समझौते की घोषणा कर सकते हैं. इसमें भारत अतिरिक्त टैरिफ से छूट की मांग करने वाला है. आइए जानते हैं पूरा मामला.

दरअसल, अमेरिका ने 2 अप्रैल को भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त 26 प्रतिशत पारस्परिक टैरिफ लगाया था. लेकिन से 90 दिनों के लिए 9 जुलाई तक के लिए निलंबित कर दिया था. हालांकि 10 प्रतिशत बेसलाइन टैरिफ अभी भी लागू है. वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल इस सप्ताह की शुरुआत में व्यापार वार्ता को गति देने के लिए वाशिंगटन में थे. उन्होंने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) जेमीसन ग्रीर और अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक के साथ बैठकें भी की थी.

ऐसे में कहा जा रहा है कि  8 जुलाई से पहले भारत एक एक अंतरिम सौदा करने की सोच रहा है.  इसमें सामान, गैर-टैरिफ बाधाएं, डिजिटल जैसी सेवाओं के कुछ क्षेत्र भी शामिल होंगे. इसे लेकर एक अधिकारी ने कहा कि अधिकारी ने कहा, हम कोशिश कर रहे हैं कि भारत के लिए 26 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क और 10 प्रतिशत बेसलाइन टैरिफ न हो, उन्होंने कहा कि भारत कपड़ा और चमड़ा जैसे अपने श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए रियायतें मांग रहा है.

दोनों देशों ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक 500 बिलियन अमरीकी डॉलर तक बढ़ाने के लिए इस साल सितंबर-अक्टूबर तक समझौते के पहले चरण को समाप्त करने की समय सीमा तय की है. मंत्री-स्तरीय बैठकों के बाद दोनों विचार- विमर्श हुआ, जो 22 मई तक जारी रहेगा. 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक तरफ जहां द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए, भारत अमेरिका के साथ प्रस्तावित समझौते में कपड़ा, रत्न और आभूषण, चमड़े के सामान, परिधान, प्लास्टिक, रसायन, झींगा, तिलहन, रसायन, अंगूर और केले जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए शुल्क रियायतें मांग रहा है. दूसरी ओर अमेरिका कुछ औद्योगिक वस्तुओं, ऑटोमोबाइल (विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहन), वाइन, पेट्रोकेमिकल उत्पाद, डेयरी, सेब, ट्री नट्स और जीएम (जेनेटिकली मॉडिफाइड) फसलों जैसे कृषि वस्तुओं जैसे क्षेत्रों में शुल्क रियायतें चाहता है.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news

;