गुजरात राज्यसभा चुनाव : कांग्रेस के 2 विधायकों ने बीजेपी को वोट देकर भी नहीं दिया!
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गुजरात राज्यसभा चुनाव : कांग्रेस के 2 विधायकों ने बीजेपी को वोट देकर भी नहीं दिया!

गुजरात राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के बागी उम्मीदवारों का बीजेपी को नहीं मिला फायदा (फाइल फोटो)

नई दिल्लीः गुजरात में मंगलवार को संपन्न हुए राज्यसभा चुनावों में अपने-अपने प्रत्याशियों को जितवाना देश की दो प्रमुख पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस के लिए नाक का सवाल बन गया था. बीजेपी को जहां अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष को राज्यसभा पहुंचाना था वहीं कांग्रेस के लिए अपनी अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहाकार को राज्यसभा में बरकरार रखना था. एक तरफ राज्य और केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी के लिए अमित शाह को राज्यसभा पहुंचाना कोई बड़ा काम नहीं था वहीं कांग्रेस के लिए भी अपने एक प्रत्याशी को जितने में कोई मुश्किल ना था. लेकिन इससे बड़ी चुनौती बीजेपी के लिए कांग्रेस के अहमद पटेल को राज्यसभा जाने से रोकना था. इस कड़ी पहली मार कांग्रेस को शंकर सिंह वाघेला के पार्टी से अलग होने के बाद पड़ी. वाघेला के साथ पार्टी के कई विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ वोट डालने का ऐलान किया था. 

आंकड़ों को समझें 

गुजरात विधानसभा में कुल 182 सीटें हैं जिनमें से 6 सीटें अभी खाली है. यानि राज्यसभा चुनाव में 176 विधायकों को वोट करना था. जिसमें से एक प्रत्याशी को जीतने के लिए कम से कम 45 वोट लेने थे. इन 176 विधायकों में बीजेपी के 121, कांग्रेस के 51, एनसीपी के 2 और एक-एक विधायक जेडीयू और निर्दलीय है. 

बीजेपी को वोट देकर भी नहीं दिया वोट 

अगर हम राज्यसभा की तीन सीटों के आंकडो़ं को समझे तो बीजेपी को 45-45 के आंकड़े के मुताबिक 135 विधायकों की जरूरत थी. लेकिन पार्टी के 121 विधायक थे. इसलिए बीजेपी ने गोवा, मणिपुर, अरुणाचल और बिहार की तरह यहां भी कोशिश की लेकिन यहां उसकी कोशिश नाकाम रही. लेकिन चुनाव आयोग ने कांग्रेस के दो बागी विधायकों द्वारा डाला गया वोट रद्द कर दिया.

ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत करते हुए कहा कि इन दोनों विधायकों ने अपने पोलिंग एजेंट को वोट दिखाने के बजाय बीजेपी नेताओं को दिखाया. जबकि नियमानुसार केवल अपनी पार्टी के एजेंट को ही वोट दिखाना होता है. चुनाव आयोग ने उस घटना के वीडियो फुटेज को देखने के बाद दोनों विधायकों के वोटों को अमान्‍य करार दिया. 

राज्यसभा चुनाव से एक दिन पहले, कांग्रेस के 44 विधायक गुजरात वापस लौटे

ये वोट रद होने के बाद 176 विधायकों के वोटों की संख्‍या घटकर 174 हो गई. अब इसके बाद हर प्रत्‍याशी को जीतने के लिए 44 वोटों की दरकार रह गई. पहले इसके लिए 45 वोट चाहिए था. अहमद पटेल को कुल 44 वोट ही मिले थे और नए गणित के मुताबिक इन वोटों के दम पर ही वह विजयी हो गए. नतीजों में कांग्रेस के अहमद पटेल को 44 वोट मिले. वहीं बीजेपी के अमित शाह को 46 और स्मृति ईरानी को भी 46 वोट मिले. बलवंत सिंह राजपूत को 38 वोट मिले. इस प्रकार कांग्रेस के दोनों बागी विधायकों ने बीजेपी को वोट दे भी दिया लेकिन फिर भी वो वोट बीजेपी के खाते में ना गया और ना उस वोट के कांग्रेस को ना मिलने से उसे कोई फायदा पहुंचा. 

जेडीयू विधायक का वोट बन गया संजीवनी

बीजेपी को गुजरात से अमित शाह, स्मृति ईरानी को राज्यसभा पहुंचना था वहीं कांग्रेस के पास अहमद पटेल को राज्यसभा पहुचाने में कोई मुश्किल नहीं थी. लेकिन अहमद पटेल को राज्यसभा जाने से रोकने के लिए बीजेपी की रणनीति का हिस्सा ही शंकर सिंह वाघेला का राज्यसभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस से अलग होना रहा. वाघेला के अलग होने के बाद कांग्रेस के लिए 45 का आंकड़ा थोड़ी लचीला बना रहा.  बीजेपी ने पहले वाघेला ग्रुप के विधायकों के जरिए कांग्रेस के वोटों को कम किया, इसके बाद एनसीपी और निर्दलीय विधायक के बाद कांग्रेस के विधायकों पर नजर बनाई हुई थी.  

गुजरात राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की

बीजेपी का मनाना था कि अमित शाह और स्मृति ईरानी के अलावा बलवंत सिंह राजपूत को राज्यसभा पहुंचाया जाए और इसी के लिए ये पूरी कवायद की. बीजेपी इसमें कामयाब भी रही क्योंकि कांग्रेस के दो विधायकों राघवी जी पटेल और भोलाभाई गोहिल ने बीजेपी के पक्ष में वोट भी किया. बीजेपी को ये भी विश्वास था कि जेडीयू का इकलौता विधायक भी उन्हें वोट करेगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका. कांग्रेस के बागी विधायकों की जरा सी गलती भी और राज्य में जेडीयू के विधायक छोटू सिंह वसवा का कांग्रेस के पक्ष में वोट करना कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम कर गया.

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