अब यूएपीए के तहत किसी भी व्यक्ति को जो आतंकी संगठन से जुड़ा होगा उसे आतंकी घोषित किया जा सकेगा. नए बिल के जरिये एनआईए जांच के दौरान किसी भी आतंकी की संपत्ति सीज कर सकेगी. पहले इसके लिए राज्यों से अनुमति लेनी होती थी.
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नई दिल्ली: दाउद इब्राहिम, हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकियो को यूएपीए के तहत आतंकी घोषित किया जा सकेगा. अब यूएपीए के तहत किसी भी व्यक्ति को जो आतंकी संगठन से जुड़ा होगा उसे आतंकी घोषित किया जा सकेगा. नए बिल के जरिये एनआईए जांच के दौरान किसी भी आतंकी की संपत्ति सीज कर सकेगी. पहले इसके लिए राज्यों से अनुमति लेनी होती थी.
पहले यूएपीए या किसी अन्य कानून में किसी को भी आतंकी घोषित किये जाने का कोई प्रावधान नही था. इसलिए, जब किसी आतंकवादी संगठन पर प्रतिबंध लगाया जाता है, तो उसके सदस्य एक नया संगठन बना लेते थे, जिससे उन पर कानूनी करवाई करना आसान नही होता था.
नया संशोधित बिल व्यक्तियों को आतंकवादी के रूप में नामित करने की केवल तभी अनुमति देता है जब कानून के अनुसार उचित प्रक्रिया के बाद पर्याप्त सबूत हों. नए बिल में गिरफ्तारी या जमानत प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है. इसलिए किसी भी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं होगा.
अब तक में यूएपीए की धारा 25 के अनुसार किसी भी आतंकी के संपत्ति को केवल उस राज्य के डीजीपी द्वारा लिखित अनुमोदन के साथ जब्त किया जा सकता था. कई बार आतंकी विभिन्न राज्यों में अपनी संपत्ति रखते हैं. ऐसे मामलों में अलग-अलग राज्यों के डीजीपी की मंजूरी लेना बहुत मुश्किल हो जाता है.
यह संशोधन डीजी एनआईए को ऐसी संपत्ति को जब्त करने का अधिकार देता है जिसकी जांच एनआईए द्वारा की जा रही हो. अब तक में यूएपीए की धारा 43 के अध्याय IV और अध्याय VI के अनुसार डीएसपी या समकक्ष के पद से नीचे के अधिकारी यूएपीए के तहत अपराधों की जांच करने के लिए सक्षम नहीं है लेकिन अब ये नियम बदल दिए गए है. एनआईए को डीएसपी की कमी का सामना करना पड़ रहा है और मामलों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है.