उद्धव ठाकरे की पार्टी ने फेंकी 'फुलटॉस' गेंद, अब राज ठाकरे छक्का मारेंगे या होंगे बोल्ड, पूरे महाराष्ट्र की टिकी नजर
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उद्धव ठाकरे की पार्टी ने फेंकी 'फुलटॉस' गेंद, अब राज ठाकरे छक्का मारेंगे या होंगे बोल्ड, पूरे महाराष्ट्र की टिकी नजर

Uddhav Raj Thackeray reunion: उद्धव और राज ठाकरे के बीच गठबंधन की संभावना ने महाराष्ट्र की सियासत में हलचल मचा दी है. अगर ये गठबंधन होता है, तो ये राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव होगा. अब सबकी नजरें राज ठाकरे के फैसले पर टिकी हैं. क्या ठाकरे बंधु फिर से एक होंगे? इसका जवाब आने वाला समय देगा.

उद्धव ठाकरे की पार्टी ने फेंकी 'फुलटॉस' गेंद, अब राज ठाकरे छक्का मारेंगे या होंगे बोल्ड, पूरे महाराष्ट्र की टिकी नजर

shiv Sena UBT leaders offer MNS for alliance: महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे परिवार एक बार फिर चर्चा में है. राज्य में लंबे समय तक दबदबा रखने वाली उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) जिस हाल में है, उद्धव ठाकरे ने तो कभी कल्पना नहीं की होगी. कभी सीएम की कुर्सी पर बैठने वाले उद्धव ठाकरे राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. कहते हैं न मरता क्या नहीं करता. अब यही हाल उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी का है. 

महाराष्ट्र में ठाकरे परिवार हो सकता है एक?
महाराष्ट्र की राजनीति में किसी तरह ठाकरे परिवार फिर उठे उसके लिए अपने भाई को भी साथ लेने की कोशिश हो रही है. इसके लिए बकायदा शिवसेना (यूबीटी) ने साफ कर दिया है कि उद्धव ठाकरे अपने चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे के साथ गठबंधन के लिए तैयार हैं.  एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को शिवसेना (यूबीटी) के विधायक अनिल परब ने कहा कि उद्धव पुराने विवादों को भुलाकर राज ठाकरे के साथ बातचीत को तैयार हैं. अब गेंद राज ठाकरे के पाले में है, उन्हें महाराष्ट्र के हित में फैसला लेना होगा. 

उद्धव का खुला ऑफर, राज लेंगे फैसला
अनिल परब ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "उद्धव ठाकरे ने पहले ही कह दिया है कि वो सभी पुराने झगड़ों को भूलकर साथ आने को तैयार हैं. अब राज ठाकरे को तय करना है कि वो हमारे साथ आना चाहते हैं या नहीं. महाराष्ट्र के लोग चाहते हैं कि ठाकरे बंधु एकजुट हों." परब ने आगे कहा कि शिवसेना (यूबीटी) ने कभी बातचीत का रास्ता बंद नहीं किया. अगर उद्धव और राज की मुलाकात होती है, तो दोनों मिलकर फैसला लेंगे और कार्यकर्ता उसका पालन करेंगे. परब ने कहा कि मैं जूनियर नेता हूं, बड़ा फैसला दोनों वरिष्ठ नेता ही लेंगे.

करीब 20 साल बाद सुलह की उम्मीद
लगभग दो दशक पहले उद्धव और राज ठाकरे राजनीति के रास्ते अलग हो गए थे, जब राज ने शिवसेना छोड़कर मनसे बनाई थी. लेकिन अब, जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, दोनों भाइयों के बीच सुलह की चर्चाएं तेज हो गई हैं. अप्रैल में दोनों ने संकेत दिए थे कि छोटे-मोटे मुद्दों को दरकिनार कर वे एक साथ आ सकते हैं. 

महाराष्ट्र की जनता की उम्मीद
शिवसेना (यूबीटी) का कहना है कि महाराष्ट्र की जनता ठाकरे बंधुओं को एक साथ देखना चाहती है. परब ने कहा, "हम बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं. अगर राज ठाकरे महाराष्ट्र के हित में फैसला लेंगे, तो ये दोनों पार्टियों और राज्य के लिए अच्छा होगा."

अब गेंद राज ठाकरे के पाले में
यानी उद्धव ठाकरे की पार्टी ने राज ठाकरे के लिए एक 'फुलटॉस' गेंद फेंकी है. अब राज ठाकरे छक्का मारेंगे या बोल्ड होंगे यह समय बताएगा. जिसपर पूरे महाराष्ट्र की नजर टिकी है. सरल भाषा में समझे तो उद्धव ठाकरे बिना किसी शर्त अब राज ठाकरे को साथ लाना चाहते हैं, अब राज ठाकरे क्या इस मौके पर उद्धव के साथ चाना चहेंगे या फिर अपनी राह पर चलते रहेंगे और अपने मनसे को आगे बढ़ाएंगे इसी पर मामला टिका है.

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