BMC Election: महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद 'इंडिया' ब्लॉक में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल खड़े होना शुरू हो गए हैं. सबसे पहले ममता बनर्जी ने नेतृत्व संभालने का इशारा दिया. इसके बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने भी मीडिया से बात करते हुए कह दिया कि इंडिया गठबंधन के नेतृत्व ममता बनर्जी को सौंप देना चाहिए. वहीं दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने भी कांग्रेस से किनारा कर लिया है और अकेले चुनाव लड़ने की बात की है. ऐसा ही कुछ बीएमसी चुनाव में देखने को मिल रहा है. कहा जा रहा है कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना कांग्रेस के बिना ही बीएमसी चुनाव लड़ने जा रही है. 


विधानसभा में हार के बाद लिया फैसला


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शिवसेना (यूबीटी) आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के महत्वपूर्ण चुनावों में महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) सहयोगी कांग्रेस से अलग होकर अकेले लड़ने की योजना बना रही है. पार्टी सूत्रों के के ज़रिए मिली जानकारी के मुताबिक हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के आंतरिक मूल्यांकन के बाद शिवसेना (यूबीटी) ने यह फैसला लिया है. बीएमसी चुनावों की तैयारी कर रही एक टीम इस नतीजे पर पहुंची है कि मुंबई में कांग्रेस के साथ पार्टी का गठबंधन इसलिए नहीं चल पाया क्योंकि मुंबई में दोनों पार्टियों के संबंधित राजनीतिक और सामाजिक आधार में तालमेल बिठाने और एक-दूसरे को वोट ट्रांसफर करने के लिए केमेस्ट्री की कमी थी.


शिवसेना के नेता ने किया दावा


मुंबई क्षेत्र की 36 विधानसभा सीटों में से 10 सीटें शिवसेना उद्धव ठाकरे ने जीती हैं. जबकि जबकि कांग्रेस सिर्फ तीन सीटें ही जीत सकी हैं. इसलिए, एसएस (यूबीटी) अब सभी बीएमसी सीटों पर अपनी लड़ाई को अकेले लड़ने की योजना बना रही है. एमवीए की तीसरी सहयोगी पार्टी एनसीपी (शरद पवार) को लेकर कहा जा रहा है कि वो बीएमसी चुनावों में बड़ा खिलाड़ी नहीं है. शिवसेना के एक सीनियर नेता ने कहा,'शिवसेना आगामी बीएमसी चुनाव अकेले और सभी सीटों पर लड़ेगी, क्योंकि बीएमसी (क्षेत्र) हमारा पारंपरिक गढ़ है. बीएमसी चुनावों में हम कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं करेंगे, क्योंकि बीएमसी चुनावों के लिए शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के चुनावी आधार की प्रकृति बहुत अलग है.'


दिल्ली में भी केजरीवाल ने किया किनारा


अरविंद केजरीवाल ने भी कहा कि आम आदमी पार्टी आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी और 'कांग्रेस के साथ किसी गठबंधन की कोई संभावना नहीं है.' अरविंद केजरीवाल ने एक खबर को रिपोस्ट करते हुए लिखा,'आम आदमी पार्टी दिल्ली में अपने बलबूते पर यह चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के साथ किसी गठबंधन की कोई संभावना नहीं है.'