टेरीजा मे के सबसे बड़े आलोचक बोरिस जॉनसन बने ब्रिटेन के नए पीएम, कहा- यह सौभाग्य है
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टेरीजा मे के सबसे बड़े आलोचक बोरिस जॉनसन बने ब्रिटेन के नए पीएम, कहा- यह सौभाग्य है

पूर्व विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री होंगे. उन्होंने पीएम पद की रेस में वर्तमान विदेश मंत्री जेरेमी हंट को हराया. 

फोटो साभार- ANI

नई दिल्ली: पूर्व विदेश सचिव बोरिस जॉनसन मंगलवार को ब्रिटेन की सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के नेता और देश के अगले प्रधानमंत्री के तौर पर चुने गए. जॉनसन की जीत शानदार रही और उन्होंने 92,153 वोट हासिल किए जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी जेरेमी हंट महज 46,656 वोटों पर सिमट गए. अपना भाषण देते हुए जॉनसन ने हंट के उत्कृष्ट विचारों की प्रशंसा की. इसी के साथ उन्होंने थेरेसा मे को भी बधाई दी, जिनके वह लंबे समय से आलोचक भी रहे हैं. जॉनसन ने कहा, "धन्यवाद थेरेसा, उनके मंत्रिमंडल में यह सेवा करने का सौभाग्य है."

वोटिंग में जॉनसन सबसे आगे

इसमें पार्टी के 1.60 लाख कार्यकर्ताओं से बैलेट वोटिंग कराई गई. वोटिंग में जॉनसन सबसे आगे थे. ब्रिटेन के संविधान के अनुसार, बहुमत प्राप्त पार्टी का नेता ही प्रधानमंत्री बनता है. ब्रेक्जिट के घोर हिमायती जॉनसन देश का नेतृत्व संभालने के लिए अपना अभियान चलाते रहे हैं. 

जॉनसन ब्रेक्सिट के बड़े पक्षधर हैं 
जॉनसन ब्रेक्सिट के इतने बड़े पक्षधर हैं कि उनका कहना था कि उन्हें इस बात में भी कोई डर नहीं है कि वह यूरोपीय संघ से बिना किसी डील के ही ब्रिटेन को अलग कर लें. कंजरवेटिव पार्टी के वफादारों में उनका अच्छा समर्थन पाया जा रहा है. कहा तक तो यहां तक जा रहा है कि 'प्रधानमंत्री के अनुकूल दिखने के लिए' जॉनसन ने अपना वजन भी घटाया था और अपने बिखरे सुनहरे बालों को भी संवारना शुरू कर दिया था. 

ब्रेग्जिट के समर्थक 54 वर्षीय बोरिस ब्रिटेन के यूरोपीय संघ (ईयू) से अलग होने के बाद अक्सर भारत-ब्रिटेन के बीच नजदीकी व्यापारिक संबंधों के पक्ष में लगातार बोलते रहे हैं. जॉनसन ने पीएम मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर बधाई भी दी थी.

ब्रिटेन-भारत के बीच और करीबी साझेदारी की उम्मीद करें: जॉनसन 
जॉनसन ने एनडीए की की प्रचंड जीत के नतीजों के तुरंत बाद मोदी के लिए अपने संदेश में कहा था, ‘‘भारतीय चुनाव परिणाम 2019 में भारी जीत के लिए नरेंद्र मोदी को बधाई. यह नए भारत की आपकी आशावादी दूरदृष्टि की पुष्टि है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘चलिए आगामी वर्षों में ब्रिटेन-भारत के बीच और करीबी साझेदारी की उम्मीद करें.’’ 

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