उमा ने ‘हुल्लड़बाज बाइकरों’ से की सोनिया और राहुल की तुलना
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उमा ने ‘हुल्लड़बाज बाइकरों’ से की सोनिया और राहुल की तुलना

नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर संसद में कांग्रेस के गतिरोध से बिफरीं केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी की तुलना दिल्ली के ‘हुल्लड़बाज बाइकरों’ से करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस के दोनों शीर्ष नेताओं ने इस मामले को लेकर संसद ठप कराते वक्त देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी का ख्याल नहीं रखा।

उमा ने ‘हुल्लड़बाज बाइकरों’ से की सोनिया और राहुल की तुलना

इंदौर : नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर संसद में कांग्रेस के गतिरोध से बिफरीं केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी की तुलना दिल्ली के ‘हुल्लड़बाज बाइकरों’ से करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस के दोनों शीर्ष नेताओं ने इस मामले को लेकर संसद ठप कराते वक्त देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी का ख्याल नहीं रखा।

उमा ने बीती रात यहां संवाददाताओं से कहा, ‘दिल्ली की सड़कों पर दो-चार हुल्लड़बाज बाइकर खड़े हो जाते हैं। वे बाइक दौड़ाकर ट्रैफिक जाम करते हैं और खुद को बड़ा बहादुर समझते हैं। सोनिया और राहुल भी (नेशनल हेराल्ड मामले में) संसद को रोककर खुद को बड़ा बहादुर समझने लगे। लेकिन उन्हें यह ध्यान नहीं रहा कि देश के प्रति भी उनकी कोई जिम्मेदारी है।’ 

उन्होंने कहा, ‘सोनिया और राहुल की इस बहादुरी का शिकार देश को होना पड़ा है। निर्भया कांड के वक्त नाबालिग रहे मुजरिम की रिहाई के मामले में लोगों के मन में भारी आक्रोश है। लेकिन कांग्रेस के पैदा किये गतिरोध के कारण किशोर न्याय संशोधन अधिनियम राज्यसभा में पारित नहीं हो सका है।’ 

उमा ने कहा, ‘क्या इस कानून को पारित कराते हुए देश की महिलाओं की इज्जत बचाना सोनिया की जिम्मेदारी नहीं है। क्या उनकी एकमात्र जिम्मेदारी अपने दामाद की इज्जत बचाना है।’ केंद्रीय मंत्री ने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया के उस आक्रामक बयान पर भी पलटवार किया जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि ‘वह इंदिरा गांधी की बहू हैं और किसी से नहीं डरतीं।’ 

उमा ने कटाक्ष किया, ‘क्या सोनिया उन इंदिरा गांधी की बहू हैं, जिन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का आदेश नहीं माना था और कानून तथा संविधान की खुली अवहेलना करते हुए देश में आपातकाल लगा दिया था।’ उन्होंने कहा, ‘अगर सोनिया अपनी सास से कुछ सीखना ही चाहती हैं, तो उन इंदिरा गांधी से न सीखें जिन्होंने अपनी कुर्सी बचाने के लिये देश में आपातकाल लगा दिया था। सोनिया उन इंदिरा गांधी से सीखें, जिन्होंने बांग्लादेश की मुक्ति के लिये पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़कर उसमें जीत हासिल की थी।’ 

उमा ने कहा, ‘सोनिया को भारतीय नागरिक होने के नाते देश के कानून का सम्मान करना चाहिये। वरना उन्हें और उनके बेटे को जनता ठीक उसी तरह सियासत से खदेड़ देगी, जिस तरह उन मां-बेटे (इंदिरा और संजय गांधी) को खदेड़ दिया गया था। आपातकाल के बाद हुए आम चुनावों में इंदिरा और संजय को हार का स्वाद चखना पड़ा था।’

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