LoC पर मुंह की खाएगा Pakistan, गांवों के लिए तैयार किया गया नया सुरक्षा कवच
भारत और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच इस साल फरवरी में नए समझौते के बाद पिछले तीन महीने से जम्मू-कश्मीर में संघर्ष विराम के उल्लंघन (Ceasefire Violation) की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है, लेकिन इससे पहले कभी भी गोलीबारी शुरू हो जाती थी.
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए सामुदायिक बंकर (Community Bunkers) का निर्माण किया जा रहा है. कई इलाकों में बंकर बनकर तैयार हो गया है तो कुछ जगहों पर बंकर का निर्माण कार्य जारी है. इन बंकर्स पर पाकिस्तान की गोलीबारी का असर नहीं होगा और गांव के लोग सुरक्षित रहेंगे
उरी के बंकर का जायजा लेने पहुंची Zee News की टीम
Zee News की टीम ने उरी सेक्टर में बन रहे एक बंकर का जायजा लेने पहुंची. जमीन के अंदर बनाए गए कम्युनिटी बंकर में दो कमरे बने होते हैं और इसके साथ इसमें एक बाथरूम भी होता है. एक बंकर में करीब 150 लोग एक साथ आश्रय ले सकते हैं. बारामुला में कुल 44 बंकर बनाए जाने हैं और उरी सेक्टर में 36 का काम लगभग पूरा हो चुका है और 8 बंकर बनाए जाने बाकी हैं.
बॉर्डर के गांवों के लिए क्यों जरूरी है बंकर
सीमा पर शांति के लिए भारत और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच इस साल फरवरी में नए समझौते के बाद पिछले तीन महीने से जम्मू-कश्मीर में संघर्ष विराम के उल्लंघन (Ceasefire Violation) की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है, लेकिन इससे पहले कभी भी गोलीबारी शुरू हो जाती थी. बारामुला के डिस्ट्रिक्ट इनफॉर्मेशन ऑफिसर मुदस्सर चौधरी ने बताया, 'बारामुला जिले का करीब 10 किलोमीटर इलाका एलओसी के करीब है. गांव के लोगों की हमेशा शिकायत रहती थी कि जब भी सीमा पारी से गोलीबारी होती है तो उनको खतरा रहता है. इसके बाद गृह मंत्रालय और लोकल प्रशासन ने बंकर (Bunkers) बनाने का फैसला किया.'
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कितनी है कम्युनिटी बंकर की मजबूती?
नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा के आसपास के गांवों में बनाए जा रहे इन बंकर की मजबूती काफी ज्यादा है. इसके निर्माण में लगे कंक्रीट और अन्य दूसरे मेटेरियल को भेदने की ताकत पाकिस्तान के बंदूक से निकली गोलियों में नहीं है. मुदस्सर चौधरी ने बताया, 'आरसीसी वॉल्व्स, लोहे और स्लैब से इस बंकर का निर्माण किया गया है और फायरिंग के दौरान इसके अंदर गोली नहीं घुस सकती है.'
केंद्र सरकार ने दी थी 18 हजार बंकर बनाने की मंजूरी
बता दें कि केंद्र सरकार ने जम्मू, कठुआ और सांबा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के अलावा पुंछ और राजौरी में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास के गांवों के लोगों के लिए 14 हजार 460 सामुदायिक बंकर (Community Bunkers) के निर्माण की मंजूरी दी थी. बाद में जोखिम वाली आबादी की सुरक्षा के लिए 4 हजार और बंकर बनाने को मंजूरी दी गई. एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया, 'जम्मू संभाग में अब तक 6964 एकल और 959 सामुदायिक बंकर समेत कुल 7923 बंकर बनाए जा चुके हैं.'
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