कर्नाटक हिजाब विवाद से चर्चा में आया यूनिफॉर्म सिविल कोड, कहा गया संविधान की आत्मा
कर्नाटक हिजाब विवाद (Karnataka Hijab Controversy) को लेकर अब भाजपा (BJP) नेता अश्विनी उपाध्याय (Ashwani Upadhyay) ने अपनी चुप्पी तोड़ी और कॉमन सिविल कोड (Common Civil Code) की बात कही. उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड संविधान की आत्मा है.
नई दिल्ली: अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि भारत संविधान (Constitution) से चलता है. संविधान का मतलब जो सबके लिए समान हो और जो सबके लिए समान रूप से लागू हो. संविधान के आर्टिकल 44 (Article 44) में लिखा हुआ है कि इस देश में एक कॉमन सिविल कोड (Common Civil Code) होगा लेकिन भारत (India) में अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है.
कॉमन सिविल कोड में 5 चीजें सबसे जरूरी
1. लड़के और लड़कियों की शादी (Marriage) की उम्र बराबर होनी चाहिए लेकिन अभी हिंदुओं (Hindu) में लड़की की उम्र 18 और लड़के की 21 साल और मुस्लिम (Muslim) में 9 साल है जो गलत है.
2. तलाक (Divorce) लेने की प्रक्रिया एक होनी चाहिए (लिखित, मौखिक या फिर सबकी कोर्ट से हो). सारे धर्मों (All Religions) में अलग तरीकों से तलाक होता है.
3. गुजारा भत्ता (Alimony) सबको मिलना चाहिए लेकिन मुस्लिम में ऐसा नहीं है. हिंदू, ईसाइयों (Christians) का अलग है और पारसियों (Parsis) को अलग भत्ता मिलता है. यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुताबिक सबका भत्ता एक समान होना चाहिए.
4. गोद लेने (Adoption) का अधिकार सबको मिलना चाहिए.
5. प्रॉपर्टी (Property) का राइट हिंदुओं में महिलाओं को मिल गया है लेकिन मुस्लिम महिलाओं को नहीं मिल पाया है.
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यूनिफॉर्म सिविल कोड संविधान की आत्मा
अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) संविधान की आत्मा (Soul Of Constitution) है जिसे सबसे पहले लाना चाहिए था लेकिन दुर्भाग्यवश ये लागू नहीं हो पाया. यूनिफॉर्म सिविल कोड से हिंदुओं को कोई फायदा नहीं है क्योंकि उन्हें बराबर अधिकार मिल चुका है. ज्यादा फायदा मुसलमान बेटियों को होगा जो अधिकार से वंचित (Deprived Of Rights) हैं. इससे पारसियों और ईसाई बेटियों को भी फायदा होगा.
कई देशों में लागू है यूनिफॉर्म सिविल कोड
यूनिफॉर्म सिविल कोड अमेरिका (America), सिंगापुर (Singapore), जर्मनी (Germany), जापान (Japan), चीन (China) और फ्रांस (France) में अच्छे से चल रहा है. इसके अलावा ये भारत में गोवा में चल रहा है. बता दें कि गोवा (Goa) में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू है. गोवा में सभी बेटे-बेटियों के पास इक्वल राइट (Equal Right) है. उपाध्याय के मुताबिक यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बहस न करके इसका ड्राफ्ट बना देना चाहिए.
'यूनिफॉर्म सिविल कोड देश में लागू होना जरूरी'
अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि हिजाब (Hijab) का मसला जैसे बढ़ रहा है उसकी दवा है यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) और यूनिफॉर्म एजुकेशन (Uniform Education) देश में लागू होनी चाहिए. यूनिफॉर्म एजुकेशन में सबका सिलेबस एक कर देना चाहिए. अगर दोनों चीजों को देश में लागू नहीं किया गया तो कट्टरवाद, आतंकवाद (Terrorism), चरमपंथ (Extremism) बहुत तेजी के साथ आग के गोले की तरह बढ़ेगा.
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