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नई दिल्ली: केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने पर्यटन स्थलों और हिल स्टेशनों वाले आठ राज्यों को सतर्कता बरतते हुए कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रसार से बचने के लिए सख्त कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने को कहा. केंद्रीय गृह सचिव भल्ला ने एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें हिल स्टेशनों और पर्यटन स्थलों पर Covid-19 को फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा की गई.
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने इस बात पर जोर दिया कि Covid-19 की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है, इसलिए सावधानी बरतनी जरूरी है. इस बैठक के दौरान गोवा, हिमाचल प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में कोविड-19 की मौजूदा स्थिति के प्रबंधन एवं लोगों के टीकाकरण (Corona Vaccine) की ताजा स्थिति पर चर्चा की गई.
केंद्रीय गृह सचिव ने हिल स्टेशनों और अन्य पर्यटन स्थलों में कोविड-उपयुक्त व्यवहार की घोर अवहेलना को दर्शाने वाली मीडिया रिपोर्टों के मद्देनजर लोगों से सावधानी बरतने को कहा. उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि कोविड की दूसरी लहर का कहर अभी खत्म नहीं हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्यों को अपनी ओर से पहल करते हुए लोगों द्वारा मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंस, और अन्य सुरक्षित व्यवहार के संबंध में कोरोना प्रोटोकॉल (Corona Protocol) का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना चाहिए.
केंद्र की तरफ से कहा गया कि कोविड की दूसरी लहर के कमजोर पड़ने की गति देश के विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में एक जैसी नहीं है. इसके साथ ही यह भी पाया गया कि वैसे तो कोविड पॉजिटिव मामलों की समग्र दर संभवत: घटती जा रही है, लेकिन राजस्थान, केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ जिलों में कोविड पॉजिटिव मामलों की दर 10 प्रतिशत से अधिक है, जो निश्चित तौर पर चिंता का विषय है.
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राज्यों से टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीकाकरण और कोविड उपयुक्त व्यवहार की पांच सूत्री रणनीति का पालन करने के लिए भी कहा गया, जैसा कि गृह मंत्रालय के 29 जून, 2021 के आदेश में निर्धारित किया गया है. भविष्य में कोविड के मामलों में किसी भी संभावित वृद्धि से निपटने के लिए स्वास्थ्य संबंधी पर्याप्त बुनियादी ढांचागत सुविधाओं (विशेषकर ग्रामीण, उपनगरीय और आदिवासी या जनजातीय क्षेत्रों में) की तैयारी करने की भी सलाह दी गई.
बैठक में ये रहे शामिल
बैठक में डॉ. वी. के. पॉल, सदस्य (स्वास्थ्य), नीति आयोग; सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार; महानिदेशक, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद; और आठ राज्यों के मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशकों और प्रधान सचिवों (स्वास्थ्य) ने भी हिस्सा लिया.
(INPUT: IANS)
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