इराक में 39 भारतीयों की मौत से पता चलता है कि ISIS कितना 'बर्बर और क्रूर'- संयुक्त राष्ट्र
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इराक में 39 भारतीयों की मौत से पता चलता है कि ISIS कितना 'बर्बर और क्रूर'- संयुक्त राष्ट्र

इराक के मोसुल शहर में पिछले चार सालों से लापता 39 भारतीयों के बारे में सरकार ने मंगलवार (20 मार्च) को स्थिति साफ करते हुए कहा कि उनकी सामूहिक हत्‍या कर दी गई. 

4 सालों से गायब बताए जा रहे 39 भारतीयों की मौत की पुष्टि पर संयुक्त राष्ट्र ने गहरा शोक जताया. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र ने इराक में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) की ओर से अगवा किए गए 39 भारतीय नागरिकों के मारे जाने की घटना पर गहरा शोक जताते हुए कहा कि 'यह त्रासदी खूंखार आतंकवादी संगठन की 'बर्बरता एवं क्रूरता' का एक और उदाहरण है.'

  1. इराक से लापता भारतीयों की हत्या की सरकार ने पुष्टि की 
  2. मोसुल शहर में 39 भारतीयों को एकसाथ दफना दिया गया था
  3. 40वां व्‍यक्ति खुद को मुस्लिम बताकर भागने में कामयाब रहा

इराक के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि जेन क्यूबिस ने कहा, 'मैं आज इस घोषणा से काफी दुखी हूं कि जिन 39 भारतीय नागरिकों को इराक में अब पराजित हो चुके इस्लामिक स्टेट के तत्वों ने अगवा किया था अब उनकी मौत की पुष्टि कर दी गई है.' 

4 सालों से लापता थे भारतीय
इराक के मोसुल शहर में पिछले चार सालों से लापता 39 भारतीयों के बारे में सरकार ने मंगलवार (20 मार्च) को स्थिति साफ करते हुए कहा कि उनकी सामूहिक हत्‍या कर दी गई. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्‍यसभा में बताया कि आतंकी संगठन इस्‍लामिक स्‍टेट ने इनको मारकर दफना दिया. इसके साथ ही यह भी बताया कि कैसे भारत सरकार ने उन पार्थिव अवशेषों को खोजा.

इराक में भारतीयों के मौत के मामले में विपक्ष के हमलों का वीके सिंह ने दिया जवाब

1. विदेश मंत्री ने बताया कि 40 भारतीयों को 2014 में तब अपहृत किया गया था, जब मोसुल पर आईएसआईएस ने कब्जा किया था. उन्होंने बताया कि अपहृत भारतीयों को पहले मोसुल में एक कपड़ा फैक्ट्री में रखा गया. उनमें से एक व्‍यक्ति हरजीत मसीह खुद को बांग्‍लादेशी मुस्लिम बताकर भागने में सफल हो गया. उसके बाद जब आतंकियों ने गिनती की तो संख्‍या 39 निकली. उसके बाद इन भारतीयों को बदूश गांव में ले जा कर बंधक रखा गया.
2. उन्होंने बताया कि इन 39 भारतीयों को बदूश गांव ले जाए जाने के बारे में विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह को उसी कपड़ा फैक्ट्री से पता चला जहां पहले भारतीयों को रखा गया था. बदूश में कुछ स्थानीय लोगों ने सामूहिक कब्र के बारे में बताया.
3. उसके बाद एक व्‍यक्ति ने एक दूसरे टीले के बारे में बताया. ''डीप पेनिट्रेशन रडार'' की मदद से उस टीले के अंदर जब खोज की गई तो पता चला कि वहां सामूहिक कब्र में 39 शव हैं. इराकी अधिकारियों की मदद से शवों को खोद कर निकाला गया. जो सबूत मिले, उनमें लंबे बाल, एक कड़ा, पहचान पत्र और वह जूते शामिल हैं जो इराक में नहीं बने थे.
4. इन शवों को डीएनए जांच के लिए बगदाद भेजा गया. उन्होंने कहा कि बगदाद में मार्टायर्स फाउंडेशन से इन शवों की डीएनए जांच करने का अनुरोध किया गया. सरकार को सोमवार को बताया गया कि जांच में 38 भारतीयों का डीएनए मैच हो गया जबकि 39वें शव का डीएनए उसके करीबी रिश्तेदारों के डीएनए से 70 फीसदी मैच हो गया है.
5. सुषमा ने बताया कि कि अभी यह पता नहीं चल पाया गया है कि ये भारतीय कब मारे गए. उन्होंने बताया कि मृतक पंजाब, हिमाचल प्रदेश, बिहार तथा पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं.

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मोसुल की कहानी...

  • जून 2014 को 30 लाख की आबादी वाले मोसुल शहर पर ISIS के आतंकवादियों ने कब्ज़ा कर लिया था.
  • शुरुआत में ISIS के सिर्फ 1300 आतंकवादियों ने लड़ाई शुरू की थी. लेकिन कुछ ही महीनों के अंदर आतंकवादियों की संख्या हज़ारों में पहुंच गई. सितंबर 2014 तक मोसुल शहर में ISIS के क़रीब 31 हज़ार आतंकवादी घुस चुके थे.
  • उस वक्त इराक की सेना के मुकाबले मोसुल में, आतंकवादियों की संख्या का अनुपात 8 के मुक़ाबले 1 का था. इराकी सैनिकों की संख्या...आतंकवादियों के मुकाबले 8 गुना ज़्यादा थी. लेकिन इसके बावजूद इराकी सेना हार गई थी.
  • 2014 में जब मोसुल पर ISIS का कब्ज़ा हुआ, तो इसे आतंकवादियों ने अपनी सबसे बड़ी सफलता माना था.
  • ISIS के प्रमुख अबु बकर अल बगदादी ने मोसुल की ही अल-नूरी मस्जिद से खुद को खलीफा घोषित किया था. 2017 में इराकी सेना ने मोसुल पर फिर से कब्‍जा कर लिया.

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