अयोध्या केस में 'बिना फीस का वकील' बनने आया था पाकिस्तान, भारत ने दिया मुंहतोड़ जवाब
कश्मीर (Jammu Kashmir) में धारा 370 और 35ए निष्क्रिय किए जाने के बाद से पाकिस्तान (Pakistan) की बौखलाहट अभी शांत हुई ही नहीं थी कि शनिवार को उसने अयोध्या मामले के फैसले पर नफरत फैलाने वाली टिप्पणी कर दी.
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नई दिल्ली: कश्मीर (Jammu Kashmir) में धारा 370 और 35ए निष्क्रिय किए जाने के बाद से पाकिस्तान (Pakistan) की बौखलाहट अभी शांत हुई ही नहीं थी कि शनिवार को उसने अयोध्या मामले के फैसले पर नफरत फैलाने वाली टिप्पणी कर दी. जिसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान के बयान को 'अनुचित व निराधार' बताकर खारिज किया और कहा कि यह एक दीवानी मामला है, जो पूरी तरह से आंतरिक है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पाकिस्तान की अनुचित व निराधार टिप्पणी को खारिज करते हैं. यह पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है."
पाकिस्तान की निंदा करते हुए इसमें कहा गया कि फैसला कानून के शासन से संबंधित है और सभी धर्मो व अवधारणाओं का समान आदर करता है.बयान में कहा गया, "पाकिस्तान में समझ की कमी आश्चर्य की बात नहीं है. उनकी हमारे आंतरिक मामलों पर टिप्पणी की मजबूरी पूरी तरह से नफरत फैलाने की मंशा से है, जो निंदनीय है."
Ministry of External Affairs (MEA): We reject the unwarranted & gratuitous comments made by Pakistan on judgement of Supreme Court on a civil matter that is completely internal to India. pic.twitter.com/ZLulujWYvG
— ANI (@ANI) November 9, 2019
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने शनिवार को भारत के सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या भमि विवाद मामले में फैसले पर 'गंभीर चिंता' जाहिर की. विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि फैसला 'एक बार फिर न्याय की मांग को कायम रहने में विफल रहा है.'
इसमें कहा गया, "इस फैसले ने तथाकथित भारत के धर्मनिरपेक्षता के दिखावे को साफ कर दिया है कि भारत में अल्पसंख्यक अब सुरक्षित नहीं हैं. उन्हें अपनी आस्था व पूजा स्थलों को लेकर डरना होगा."
जानिए, सुप्रीम कोर्ट के फैसले की खास बातें -
-मुस्लिम अपने साक्ष्यों से यह सिद्ध नहीं कर पाए की विवादित भूमि पर उनका ही एकाआधिकार था.
-Ayodhya Verdict: CJI ने कहा, 'खुदाई में इस्लामिक ढांचे के सबूत नहीं मिले'
-मुस्लिम यह साबित करने में नाकाम रहे कि इस जगह पर बाबरी मस्जिद बनने से पहले उनका अधिकार था.
-ASI की रिपोर्ट खारिज को नहीं कर सकते. ASI की रिपोर्ट में 12वीं सदी के मंदिर के सबूत मिले
-Ayodhya verdict: CJI ने कहा, 'विवादित जमीन का बंटवारा नहीं किया जा सकता'
-ASI की रिपोर्ट से साबित होता है कि मस्जिद खाली जमीन पर नही बनाई गई थी.
इनपुट आईएएनएस से भी
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