यूपी राज्यसभा चुनाव: निषाद पार्टी के इस विधायक ने किया बीजेपी को वोट देने का ऐलान
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यूपी राज्यसभा चुनाव: निषाद पार्टी के इस विधायक ने किया बीजेपी को वोट देने का ऐलान

 निषाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व ज्ञानपुर से विधायक विजय मिश्र के अपने इस बयान से सियासी गलियारे में हलचल मचा दी है. 

विजय मिश्र ने कहा कि देश हित और प्रदेश हित में वह राज्यसभा में बीजेपी के साथ हैं...

भदोही: राज्यसभा चुनाव को लेकर तमाम पार्टिया अपनी तैयारी जुटी है. एक-एक वोट इस चुनाव में काफी महत्वपूर्ण है. इसी बीच, निषाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व ज्ञानपुर से विधायक विजय मिश्र के अपने एक बयान से सियासी गलियारे में हलचल मचा दी है. विधायक विजय मिश्र ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में वोटिंग करने का बयान दिया है. यह बयान इसलिए खास है क्योंकि लोकसभा उपचुनाव में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद ने हाल ही में गोरखपुर से चुनाव जीता है. 

  1. विजय मिश्र का यह बयान काफी मायने रखता है
  2. राज्यसभा चुनाव को लेकर तमाम पार्टिया अपनी तैयारी जुटी है
  3. सपा-बसपा एक एक वोट को जुटाने के लिए मशक्कत कर रही है

राज्यसभा चुनाव को लेकर सपा-बसपा एक एक वोट को जुटाने के लिए मशक्कत कर रही है. लोकसभा उपचुनाव में गोरखपुर से निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद सपा के सिंबल से चुनाव जीते. इस चुनाव में निषाद पार्टी को बसपा समेत कई पार्टियों का समर्थन सपा को मिला था. निषाद पार्टी से विजय मिश्र इकलौते विधायक हैं. ऐसे में इस तरह की खबरें आ रही थी निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद शनिवार को विजय मिश्र से मिले थे और राज्यसभा चुनाव में बसपा को वोट देने की बात कही थी. लेकिन आज भदोही के गोपीगंज में एक सभा के दौरान विजय मिश्र ने बीजेपी के पक्ष में वोट करने का बयान दे दिया है.

इस समय के उत्तर प्रदेश के सियासी परिदृश्य में विजय मिश्र का यह बयान काफी मायने रखता है क्योंकि विजय मिश्र कुछ और वोटो को प्रभावित कर सकते हैं. विजय मिश्र ने कहा कि देश हित और प्रदेश हित में वह राज्यसभा में बीजेपी के साथ हैं. विजय मिश्र द्वारा गोपीगंज में विधायक निधि और जिला पंचायत निधि से 50 करोड़ के विकास कार्यो का लोकार्पण और शिलान्यास किया है उसी मौके पर उन्होंने यह बयान दिया.

बसपा प्रत्याशी की जीत की राह मुश्किल
विजय मिश्र के बयान के बीएसपी उम्मीदवार की राह मुश्किल हो गई है. उत्‍तर प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए किसी प्रत्याशी को कम से कम 37 प्रथम वरीयता की वोटों की जरूरत है. समाजवादी पार्टी के पास 47 विधायक हैं. ऐसे में वह अपने एक प्रत्याशी को आसानी से जिता सकती हैं. इसके बावजूद उसके पास 10 वोट बच जाएंगे. बहुजन समाज पार्टी के पास 19 विधायक हैं और वह अपने दम पर किसी प्रत्याशी को राज्यसभा नहीं भेज सकती. इसके लिए उसे सपा के 10, कांग्रेस के सात और राष्ट्रीय लोकदल के एक विधायक का समर्थन चाहिए. हालांकि हाल में ही सपा छोड़कर बीजेपी में गए नरेश अग्रवाल के बेटे और हरदोई से सपा विधायक नितिन अग्रवाल के बीजेपी को वोट देने की संभावना है. ऐसे में सपा का एक वोट कम हो जाएगा. ऐसे में विजय मिश्र का वोट बहुत कीमती हो जाता है.

सुभासपा ने बढ़ाई बीजेपी की टेंशन
उधर, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) पार्टी ने बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है. सुभासपा ने पिछला विधानसभा चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर लड़ा था. पार्टी के चार विधायक आगामी राज्यसभा चुनाव में बीजेपी का खेल बिगाड़ सकते हैं. प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में अपने संख्या बल के आधार पर बीजेपी 10 में से आठ सीटें आसानी से जीत सकती है, मगर उसने अपना नौवां प्रत्‍याशी भी खड़ा किया है. वहीं, सपा और बसपा बाकी दो सीटें जीतने के प्रति आश्वस्त हैं.

प्रदेश के कैबिनेट मंत्री व सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा है कि गोरखपुर में हाल में हुए लोकसभा उपचुनाव में उनकी पार्टी बीजेपी को कम से कम 30,000 वोट दिलवा सकती थी, लेकिन ऐसा लगता है कि बीजेपी की नजर में हमारी कोई उपयोगिता नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में दलितों और पिछड़ों की उपेक्षा की जा रही है और यह सिलसिला जारी है.

राज्य की 403 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और अपना दल के पास कुल 324 सीटें हैं ऐसे में बीजेपी अपने आठ प्रत्याशियों को आसानी से चुनाव जिता सकती है. इसके बावजूद उसके पास 28 वोट बच जाएंगे. अगर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी बीजेपी के पक्ष में नहीं भी जाती है तो भी भगवा दल अपने आठ प्रत्याशियों को आसानी से जिता लेगा. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की नाराजगी विपक्ष के पक्ष में गई तो बसपा प्रत्याशी को आसानी से जीत मिल सकती है.

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