सोनभद्र नरसंहार: CM योगी की बड़ी कार्रवाई, सोनभद्र मामले में DM व SP को हटाया
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सोनभद्र नरसंहार: CM योगी की बड़ी कार्रवाई, सोनभद्र मामले में DM व SP को हटाया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, इस घटना में जो भी लोग जिम्मेदार हैं, अगर जीवित हैं तो सरकार उन पर भी कार्रवाई करेगी.

(फाइल फोटो)

लखनऊ: सोनभद्र के उम्भा और सफई गांव में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर जांच रिपोर्ट मिलने के बाद रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई की है. 5, कालीदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास में पत्रकारों से वार्ता करते हुए योगी ने बताया कि सोनभद्र के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को हटाने के साथ ही उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दे दिए गए हैं. इस घटना में जो भी लोग जिम्मेदार हैं, अगर जीवित हैं तो सरकार उन पर भी कार्रवाई करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच के लिए दो कमेटियां गठित की गई थी.

एक कमेटी अपर मुख्य सचिव राजस्व, रेणुका कुमार की अध्यक्षता में राजस्व से संबंधित वाद की जांच करने के लिए थी. वहीं दूसरी कमेटी अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन की अध्यक्षता में पुलिस से संबंधित मामलों की जांच करने के लिए गठित की गई थी. जिसकी रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार ने मामले से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई प्रारम्भ कर दी है.

उन्होंने कहा कि गलत तरीके से कब्जा की गई उम्भा और सफई गांव की भूमि को नियमानुसार ग्राम पंचायत के नाम पर करने की कार्रवाई प्रारम्भ हो गई है. उसके बाद इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए हम लोग इस बारे में तय करेंगे यह जमीन वहां के भूमिहीन किसानों को मिले.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट से पता चला है कि 10 अक्टूबर 1952 बिहार के तत्कालीन एमएलसी महेश्वर प्रसाद नारायण सिंह और दुर्गा प्रसाद राय ने अपने 12 रिश्तेदारों के साथ मिलकर आदर्श कृषि सहकारी समित का गठन किया था. जिन्होंने ग्राम पंचायत की 1305 बीघा जमीन को गलत तरीक से 1955 में तत्कालीन तहसीलदार के साथ सांठ-गांठ करके सोसायटी के नाम पर करा लिया. इसके बाद 1979 में इस भूमि को गलत तरीके से सोसायटी के जीवित सदस्यों के नाम पर कर दिया गया.

सोसायटी के सदस्यों ने 2017 में इस भूमि को बेचना शुरु कर दिया गया. ग्राम प्रधान और समाजवादी पार्टी के सक्रिय पदाधिकारी यज्ञदत्त ने सोसायटी के सदस्यों से जमीन खरीदी. उस जमीन पर खेती करने वाले गांव के भूमिहीन वनवासी कास्तकारों ने विरोध किया. जिसका दुष्परिणाम 17 जुलाई 2019 में घोरावल में देखने को मिला.

मुख्यमंत्री ने कहा कि एस राजलिंगम सोनभद्र के नए जिलाधिकारी व प्रभाकर चौधरी जिले के नए पुलिस अधीक्षक होंगे. मामले में डीआईजी एसआईटी रवींद्र गौड़ की अध्यक्षता में चार सदस्यीय एसआईटी गठित कर दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने व कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं. एसआईटी में अपर पुलिस अधीक्षक अमृता मिश्रा व तीन पुलिस इंस्पेक्टर को विवेचना के लिए शामिल किया गया है.

फर्जी तरीके से कब्जा की गई जमीन के लिए जांच कमेटी गठित
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा अनुमान है कि सोनभद्र और मिर्जापुर जनपद में सरकारी एवं वन विभाग की एक लाख एकड़ से अधिक भूमि फर्जी सोसायटियों ने कब्जा कर रखी है. जिसमें अधिकतर कांग्रेस से जुड़े हुए नेता हैं. जिन्होंने सत्ता का दुरुपयोग करते हुए इन जमीनों को कब्जा कर रखा है.

इन फर्जी समितियों की जांच के लिए अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया गया है. जिसमें प्रमुख सचिव श्रम सुरेश चंद्रा, सीसीएफ रमेश पाण्डेय, डीएफओ देवरिया प्रमोद गुप्ता, अपर निबंधक सहकारिता राम प्रकाश सिंह और उप निबंधक सहकारिता राजेश कुमार कुलश्रेष्ठ रहेंगे.

6 सदस्यी यह कमेटी सोनभद्र और मिर्जापुर में फर्जी अभिलेखों के आधार पर कब्जा की गई जमीनों की जांच कर 3 महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी जिस पर कार्रवाई की जाएगी.

इन पर भी हुई कार्रवाई
इस मामले में सहायक अभिलेख अधिकारी सोनभद्र राजकुमार, उप जिलाधिकारी घोरावल विजय प्रकाश तिवारी पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई का आदेश दिया गया है. मामले में क्षेत्राधिकारी घोरावल अभिषेक सिंह, उपनिरीक्षक लल्लन प्रसाद यादव, अरविंद कुमार मिश्र व बीट आरक्षी सत्यजीत यादव के खिलाफ गृह विभाग द्वारा अनुशासनिक जांच शुरू कर दी गई है.

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