नोएडा: अमेरिकी कंपनी से ठगे 14 करोड़, ऐसे हुआ मामले का खुलासा
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नोएडा: अमेरिकी कंपनी से ठगे 14 करोड़, ऐसे हुआ मामले का खुलासा

नोएडा पुलिस ने कहा कि कैलिफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को की वसोले इंक कंपनी के निदेशक और सीईओ फिल अलाफ की शिकायत के बाद आईटी कंसल्टेंसी माई माइंड इंफोटेक प्रा लि चलाने वाले हिमांशु खत्री के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. 

फाइल फोटो

दिल्ली/नोएडा: अमेरिका की एक सॉफ्टवेयर कंपनी ने नोएडा की एक कंपनी के मालिक पर करीब 10 साल के दौरान लगभग 14 करोड़ रुपये की धोखधड़ी करने का आरोप लगाया है. पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि नोएडा स्थित कंपनी के मालिक पर आरोप है कि उसने कम अनुभवी डेवलपरों को रखा और उनकी पहचान, अनुभव के साथ फर्जीवाड़ा किया तथा घोस्ट (फर्जी) कर्मचारियों को रखा और अमेरिकी कंपनी से 2006 से 2015 के बीच सॉफ्टवेयर बनाने समेत विभिन्न सेवाओं के लिए भारीभरकम रकम वसूली. इसके अलावा सॉफ्टवेयर को अमेरिका के अन्य ग्राहकों को भी बेच दिया.

नोएडा पुलिस ने कहा कि कैलिफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को की वसोले इंक कंपनी के निदेशक और सीईओ फिल अलाफ की शिकायत के बाद आईटी कंसल्टेंसी माई माइंड इंफोटेक प्रा लि चलाने वाले हिमांशु खत्री के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. 

मामले की जानकारी देते हुए आरोप है कि नोएडा की कंपनी ने खराब क्वालिटी की सेवाएं दीं, इससे अमेरिकी कंपनी को काफी नुकसान हुआ, इसके बाद सीईओ भारत आए और नोएडा के सेक्टर-20 थाने में नोएडा की कंपनी के मालिक के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है. 

पुलिस ने बताया कि अमेरिकी कंपनी के सीईओ व कैलिफोर्निया निवासी फिल आल्पे ने पहले दिल्ली पुलिस से इसकी शिकायत की थी. कंपनी नोएडा की थी तो वहां से इसकी शिकायत नोएडा पुलिस को भेजी गई थी. 
फिल अलाफ साल 2006 में नोएडा सेक्टर-2 स्थित आईटी कंपनी माई माइंड इंफोटेक के संचालक हिमांशु खत्री के संपर्क में आए. उनका आरोप है कि उस समय उन्हें बेहतर तकनीक वाले सॉफ्टवेयर देने के लिए खत्री से सहमति बनी. इसके बाद दोनों कंपनियों ने ठेका किया और नोएडा की कंपनी ने अच्छे अनुभव वाले आईटी इंजीनियर को लेकर उन्हें बेहतर उत्पाद देने का वादा किया. 

इसके एवज में हिमांशु ने काफी अनुभव व अच्छे वेतन वाले एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर का बॉयोडाटा भेजकर यह दावा किया कि सबसे नवीनतम व उच्च तकनीक वाले सॉफ्टवेयर उत्पाद मिलेंगे. इसके बाद यूएसए की कंपनी ने नोएडा कंपनी को प्रति महीने 40 हजार डॉलर देकर सॉफ्टवेयर लेना शुरू किया. करीब 9 साल के बाद 2015 में अलाफ को पता चला कि उत्पाद खराब हैं. कम वेतन देकर नए या कम अनुभव वाले ही कर्मचारियों को नोएडा की कंपनी ने रखा हुआ है. इस धोखाधड़ी के कारण उनकी कंपनी की छवि खराब हुई है. कंपनी से सॉफ्टवेयर के नाम पर हर महीने 40 हजार डॉलर से अधिक लिए जाते थे. पुलिस मामले की जांच कर रही है. 

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