नई दिल्‍ली/अयोध्‍या : भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्‍या में शुक्रवार सुबह 14 कोसी परिक्रमा यात्रा की शुरुआत हो गई है. श्रीराम के जयघोष के साथ 14 कोसी परिक्रमा यात्रा अयोध्या के नए घाट से शुरू हुई. ये परिक्रमा शनिवार सुबह तक चलेगी जिसमें लाखों श्रद्धालु परिक्रमा करेंगे. 


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अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा अक्षय नवमी पर शुक्रवार सुबह 6:52 मिनट पर शुरू हुई है. 14 कोसी परिक्रमा के लिए सुरक्षा व्यवस्था के कड़े प्रबंध किए गए हैं. लाखों की तादाद में श्रद्धालु आने की संभावना के बीच एटीएस को भी तैनात किया गया है.


कार्तिक की अमावस्या यानी दीपावली के नौवें दिन लाखों श्रद्धालु यहां आकर एक निर्धारित मार्ग पर अयोध्या के चारों ओर नंगे पांव पैदल चलकर परिक्रमा पूरी करते हैं. 24 घंटे चलने वाली यह 14 कोसी परिक्रमा सुबह करीब सात बजे से शुरू हुई. वहीं पंचकोसी परिक्रमा एकादशी 18 नवबंर को दोपहर 10:26 बजे से शुरू होकर 19 नवंबर को दोपहर 11:36 मिनट पर समाप्त होगी.


इस प्रसिद्ध 14 कोसी परिक्रमा में देश के लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं. परिक्रमा की सुरक्षा व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन ने एटीएस कमांडो की मांग की है जबकि 6 कंपनी पीएसी एक कंपनी आरएफ के साथ परिक्रमा की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. इसमें लाखों श्रद्धालु लगभग 42 किलोमीटर की परिक्रमा करते हैं. यह परिक्रमा अयोध्या की परिधि में होती है. 



भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने चार पहिया व दुपहिया वाहनों के लिए रूट डायवर्जन भी किया है. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सभी एंट्री प्वाइंट पर सुरक्षा के मद्देनजर दोहरी बेरीकेडिंग है. इस बार शहर के मौदहा रेलवे क्रॉसिंग पर माल गाड़ियों की सेंटिंग के लिए जिला प्रशासन ने रेलवे विभाग को पत्र लिखकर कहा है कि वह परिक्रमा के दौरान माल गाड़ियों की सेंटिंग ना करें. 


पिछले वर्ष परिक्रमा के दौरान भारी भीड़ अनियंत्रित हो गई थी जिसको संभालने में जिला प्रशासन के पसीने छूट गए थे. भारी भीड़ को देखते हुए अन्य जनपदों से भी फोर्स मंगाई गई है. परिक्रमा पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरे का भी इस्तेमाल किया जाएगा. इसके साथ ही शोहदों पर नजर रखने के लिए सादी वर्दी में भी महिला विंग तैनात रहेगी. 


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम जब लंका विजय कर अयोध्या लौटे तो उनके स्वागत में दीपावली मनाई गई, छप्पन भोग भी खिलाया गया. इसके बाद भगवान श्री राम ने अपने भाइयों के साथ इसी 14 कोसी परिक्रमा पथ पर अयोध्यावासियों का हाल-चाल लिया था. इसके बाद से इसी के तहत 14 कोसी परिक्रमा की परंपरा चलती आ रही है.