अमित सोनी/ललितपुर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के ललितपुर (Lalitpur) में 500 परिवारों के आशियाने आज भी रोशन नहीं हो पाये हैं. इस कारण यहां रहने वाले लोग अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं. ये लोग शहर में रहकर भी बिजली, पानी जैसी जरूरी सुविधा के लिये रोजाना संघर्ष करते हुए अपना जीवन जीने को मजबूर हैं.
दरअसल, सदर तहसील अंतर्गत राजकीय महाविद्यालय के पास काशीराम शहरी आवास योजना के तहत कॉलोनी का निर्माण करवाया गया था. जिसमें 42 ब्लॉकों में 500 आवास बनाये गए थे. जिन्हें 5 साल पहले पानी, बिजली की व्यवस्था किये बिना ही निराश्रितों को आवंटित कर दिया गया. तत्कालीन जिला प्रशासन ने इन्हें जल्द ही बिजली और पानी की सुविधा दिलाने का भरोसा दिया था. लेकिन, तब से अब तक सभी परिवार बिना बिजली और पानी के इन आवासों में रहने को मजबूर हैं.
करीब 5 साल से लगातार यहां रहने वाले परिवार जिला प्रशासन से प्रदर्शन कर शिकायतों द्वारा बिजली और पानी की मांग करते आये हैं. लेकिन, अभी तक इन्हें बिजली जैसी मूलभूत सुविधा नहीं मिल सकी है. कॉलोनी में रहने वाले परिवारों का कहना है कि बिना बिजली के उनके बच्चे पढ़ नहीं पाते हैं. गर्मियों और बरसात में तो और भी बुरा हाल हो जाता है. रोजाना अंधेरे के चलते दुर्घटनाएं होती हैं. बरसात में जहरीले कीड़ों से बचाव करना पड़ता है. साथ ही अब उन्हें मिट्टी का तेल भी नहीं मिलता, जिससे रात को लालटेन भी नहीं जला पाते. मोमबत्तियों के सहारे रात गुजारना काफी मंहगा पड़ता है. हाल ही में जलती मोमबत्ती की वजह से एक आवास में रहने वाले बुजुर्ग दंपत्ति की जलकर दर्दनाक मौत हो गयी थी. रोजाना रात डर के साये में गुजारनी पड़ती है. लेकिन इन सबके बावजूद कोई सुनवाई नहीं होती.
पीड़ित परिवारों ने बताया कि 5 साल से नेताओं और अधिकारियों से सिर्फ आश्वासन मिल रहा है. पानी के लिये पूरी कालोनी में सिर्फ 5 हैंडपम्प लगवाये गये हैं. जो गर्मियों में साथ छोड़ देते हैं. आये दिन खराब होने के चलते 2-3 किलोमीटर की दूरी से पानी भरने जाना पड़ता है. बिन बिजली बच्चों का भविष्य भी अंधकार मय हो गया है.
वहीं, इस गम्भीर समस्या को लेकर जब हमने बिजली विभाग के अधिशाषी अभियंता से बात की तो उन्होंने बताया कि पूर्व में कॉलोनी में विद्युतीकरण के लिये पत्र लिखा था और एस्टिमेट भी बनाया गया था. जिसकी लागत 64.66 लाख थी. इसे लेकर लगातार पत्राचार किया गया, हालांकि अब एस्टिमेट शासन स्तर से पास हो गया है और जल्द ही विद्युतीकरण की निविदा के आधार पर टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होकर विद्युतीकरण का कार्य शुरू हो जायेगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले 3 महीने में काशीराम आवास में बिजली सुचारू हो जायेगी.
उधर ग्रामीणों की माने तो पिछले करीब 5 सालों से कॉलोनी में बिजली व्यवस्था को लेकर हर बार आश्वासन ही मिलता आया है. जिसकी वजह से कॉलोनी में रहने वाले परिवारों ने आस ही छोड़ दी है. लेकिन बहुत से परिवार ऐसे हैं जो संघर्ष करते हुये अपने हक के लिये लड़ रहे हैं. जिससे वो अपने बच्चों का भविष्य उज्जवल बना सकें.