मथुरा: फर्जी वसीयत पर कराया था बैनामा, एसपी नेता सहित 5 को 7 साल की सजा
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मथुरा: फर्जी वसीयत पर कराया था बैनामा, एसपी नेता सहित 5 को 7 साल की सजा

अदालत ने इस मामले में नामजद किए गए दो अन्य आरोपियों संजीव गुप्ता तथा नारायण दास यादव की संलिप्तता न पाकर उन्हें दोषमुक्त मानते हुए बाइज्जत रिहा कर दिया. अदालत ने फैसला सुनाने के साथ ही सभी अभियुक्तों को जेल भेज दिया.

मथुरा की एक निजी अदालत ने ये फैसला सुनाया.

मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में एक अदालत ने समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष रहे गुरुदेव शर्मा एवं उनके चार अन्य साथियों को फर्जी वसीयत के आधार पर जमीन हड़पकर किसी को बेचने के मामले में शनिवार (20 अप्रैल) को सात-सात साल की कड़ी कैद तथा 25-25 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है.

अभियोजन अधिकारी एसपी सिंह ने बताया, यह मामला वर्ष 2005 में उस समय का है जब प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और वृन्दावन वासी गुरुदेव शर्मा जिलाध्यक्ष हुआ करते थे. तब उन्होंने पार्टी कार्यालय स्थापित करने के नाम पर मृत व्यक्ति की फर्जी वसीयत तैयार कर कृष्णानगर क्षेत्र में डायरिया नगर में 350 वर्ग गज भूमि पर कब्जा हासिल कर लिया और उसे छगनलाल पाण्डेय के हाथों बेच दिया.

 

जब उक्त भूमि के स्वामी छगनलाल के वारिस, उसके भतीजे ने अपना दावा पेश किया तब मामले का खुलासा हुआ. इस पर छगनलाल ने गुरुदेव शर्मा व उनके छह साथियों वीरेंद्र वर्मा, अखिल वर्मा, अनुराग सिंह, युद्धराज सिंह, नारायण दास यादव व संजीव गुप्ता के नाम धोखाधड़ी आदि की भादंवि की धाराओं 420, 467, 468 व 471 में मुकदमा दर्ज कराया.

एसीजेएम (सेकेंड) जहेंद्र पाल सिंह ने दोनों पक्षों के बयान एवं प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के आधार पर शनिवार को फैसला सुनाते हुए गुरुदेव शर्मा, वीरेंद्र वर्मा, अखिल वर्मा, अनुराग सिंह व युद्धराज सिंह को दोषी करार देते हुए सात-सात वर्ष के कठोर कारावास एवं पच्चीस-पच्चीस हजार जुर्माना भरने की सजा सुनाई.

अदालत ने इस मामले में नामजद किए गए दो अन्य आरोपियों संजीव गुप्ता तथा नारायण दास यादव की संलिप्तता न पाकर उन्हें दोषमुक्त मानते हुए बाइज्जत रिहा कर दिया. अदालत ने फैसला सुनाने के साथ ही सभी अभियुक्तों को जेल भेज दिया.

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में एक अदालत ने समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष रहे गुरुदेव शर्मा एवं उनके चार अन्य साथियों को फर्जी वसीयत के आधार पर जमीन हड़पकर किसी को बेचने के मामले में शनिवार (20 अप्रैल) को सात-सात साल की कड़ी कैद तथा 25-25 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है.

अभियोजन अधिकारी एसपी सिंह ने बताया, यह मामला वर्ष 2005 में उस समय का है जब प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और वृन्दावन वासी गुरुदेव शर्मा जिलाध्यक्ष हुआ करते थे. तब उन्होंने पार्टी कार्यालय स्थापित करने के नाम पर मृत व्यक्ति की फर्जी वसीयत तैयार कर कृष्णानगर क्षेत्र में डायरिया नगर में 350 वर्ग गज भूमि पर कब्जा हासिल कर लिया और उसे छगनलाल पाण्डेय के हाथों बेच दिया.

जब उक्त भूमि के स्वामी छगनलाल के वारिस, उसके भतीजे ने अपना दावा पेश किया तब मामले का खुलासा हुआ. इस पर छगनलाल ने गुरुदेव शर्मा व उनके छह साथियों वीरेंद्र वर्मा, अखिल वर्मा, अनुराग सिंह, युद्धराज सिंह, नारायण दास यादव व संजीव गुप्ता के नाम धोखाधड़ी आदि की भादंवि की धाराओं 420, 467, 468 व 471 में मुकदमा दर्ज कराया.

एसीजेएम (सेकेंड) जहेंद्र पाल सिंह ने दोनों पक्षों के बयान एवं प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के आधार पर शनिवार को फैसला सुनाते हुए गुरुदेव शर्मा, वीरेंद्र वर्मा, अखिल वर्मा, अनुराग सिंह व युद्धराज सिंह को दोषी करार देते हुए सात-सात वर्ष के कठोर कारावास एवं पच्चीस-पच्चीस हजार जुर्माना भरने की सजा सुनाई.

अदालत ने इस मामले में नामजद किए गए दो अन्य आरोपियों संजीव गुप्ता तथा नारायण दास यादव की संलिप्तता न पाकर उन्हें दोषमुक्त मानते हुए बाइज्जत रिहा कर दिया. अदालत ने फैसला सुनाने के साथ ही सभी अभियुक्तों को जेल भेज दिया.

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