उत्तर प्रदेश में CAA-NRC के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद जो वसूली की कार्रवाई योगी सरकार की ओर से की गई, उसे योगी मॉडल के नाम से चर्चा मिली. दंगाइयों से निपटने के इस मॉडल की चर्चा देश-विदेश तक हुई. पिछले दिनों कर्नाटक राज्य की आईटी सिटी बेंगलुरू में हुए दंगों के बाद भी वहां के मुख्यमंत्री ने इसी मॉडल को अपनाया. उत्तर प्रदेश के बाद यहां भी दोषियों की संपत्ति ज़ब्त कर नुकसान की भरपाई की गई.
कर्नाटक में सरकार ने 'योगी मॉडल' की तरह की वसूली की
सरकार ने बेंगलुरू दंगे को सुनियोजित साजिश बताते हुए एक घंटे से ज्यादा वक्त तक पेट्रोल बम फेंके जाने का दावा किया है. शहर के पुलाकेशी नगर इलाके को जला दिया गया. 2 पुलिस स्टेशन में आग लगा दी गई थी. हिंसा के बाद दंगों के आरोप में 146 लोगों को गिरफ्तार किया गया. दंगाईयों से पाई-पाई का हिसाब लेने के लिए कर्नाटक के गृहमंत्री ने कहा है, कि दंगों के दोषियों की संपत्ति जब्त करके नुकसान की भरपाई की जाएगी. कर्नाटक सरकार के इस फैसले की जड़ में उत्तर प्रदेश सरकार का योगी मॉडल है जिसकी खूब चर्चा हुई थी.
वॉशिंगटन दंगों में भी 'योगी मॉडल'
यूपी में दंगाइयों से वसूली की मुनादी वाले पोस्टर चौराहों पर लगाए गए. इसके बाद अमेरिका में हुए दंगे में वॉशिंगटन में दंगाइयों के पोस्टर लगे. वहां भी दंगाइयों की पहचान के लिए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की ही तरह दंगाइयों के पोस्टर लगाए गए थे.
क्या है योगी मॉडल?
साल 2019 में दिसंबर महीने में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर राजधानी लखनऊ में जबरदस्त प्रदर्शनों का दौर चला. इसी बीच कुछ उपद्रवकारियों ने पुलिस के साथ झड़प के दौरान पुलिस चौकी समेत कई बसों और पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. सार्वजनिक संपत्ति का इतना नुकसान होने के बाद सीएम योगी के आदेश पर सीसीटीवी के जरिये उपद्रवियों की पहचान हुई और नुकसान का आंकलन करने के बाद उन्हें रिकवरी नोटिस दिया गया. इनकी पहचान के लिए लखनऊ के बड़े चौराहों पर उपद्रवियों के पोस्टर भी चिपकाए गए थे. मामले में रिकवरी की कार्रवाई भी जारी है.
watch live tv