गिरिराज परिक्रमा संरक्षण मामले की सुनवाई के दौरान श्राइन बोर्ड गठन के संबंध में दिए गए आदेश को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कोई समुचित जवाब न मिल पाने के कारण अपर मुख्य सचिव एवं पर्यटन विभाग के महानिदेशक अवनीश कुमार अवस्थी को अगली सुनवाई पर तलब किया है.
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मथुरा: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने मथुरा के गोवर्धन कस्बे में गिरिराज परिक्रमा संरक्षण मामले की सुनवाई के दौरान श्राइन बोर्ड गठन के संबंध में दिए गए आदेश को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कोई समुचित जवाब न मिल पाने के कारण अपर मुख्य सचिव एवं पर्यटन विभाग के महानिदेशक अवनीश कुमार अवस्थी को अगली सुनवाई पर तलब किया है.
इस मामले में वादी पक्ष के अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी ने बताया, अधिकरण की दिल्ली स्थित मुख्य पीठ की कोर्ट संख्या दो में हुई सुनवाई में उप्र सरकार की ओर से अधिवक्ता अमित तिवारी ने अदालत को बताया कि श्राइन बोर्ड बनाने के लिए राज्य सरकार शीघ्र ही विधानसभा में प्रस्ताव लाकर कानून बनाने जा रही है.
इस पर एनजीटी कोर्ट ने विधेयक के माध्यम से कानून बनाकर श्राइन बोर्ड की स्थापना में लंबा समय गंवाने के बजाए अध्यादेश के माध्यम से गोवर्धन के मंदिरों की एवं परिक्रमा की व्यवस्था सुचारू करने के लिए संबंधित बोर्ड की स्थापना शीघ्र करने को कहा. कोर्ट ने इसी मसले पर राज्य के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी को 17 जनवरी को होने वाली अगली सुनवाई के समय उपस्थित रहने तथा सरकार की मंशा प्रकट करने के लिए तलब किया है.
गौरतलब है कि गोवर्धन में गिरिराज पर्वत की परिक्रमा के संरक्षण के मसले पर गिरिराज परिक्रमा संरक्षण संस्थान के बाबा आनन्द गोपाल दास एवं सत्यप्रकाश मंगल द्वारा वर्ष 2013 में दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई चल रही है. इसमें बाद में महंत फूलडोल बिहारी दास एवं दशरथ सिंह ने भी अपनी ओर से याचिकाएं दायर की थीं. सुनवाई में मथुरा के जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने अब तक किए गए कार्यों की रिपोर्ट देते हुए अगली सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत तौर पर उपस्थिति से छूट मांगी तो कोर्ट ने उनकी मांग खारिज कर हाजिर रहने को कहा है.