अलीगढ़ के डीएम चंद्र भूषण सिंह ने निर्णय लिया कि अब न तो सड़क पर नमाज होगी और न ही हनुमान चालीसा.
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अलीगढ़: अलीगढ़ में जिलाधिकारी के फरमान का असर दिखाई दे रहा है. पिछले दिनों सड़कों पर नमाज पड़ने के विरोध में कुछ हिंदूवादी संगठनों द्वारा सड़क पर हनुमान चालीसा और आरती की गई थी. स्थिति को देखते हुए अलीगढ़ के डीएम चंद्र भूषण सिंह ने निर्णय लिया कि अब न तो सड़क पर नमाज होगी और न ही हनुमान चालीसा. डीएम के इस निर्णय पर अलीगढ़ शहर मुफ़्ती खालिद हमीद ने मुस्लिम भाइयों से अपील की थी कि वो बजाय सड़क पर नमाज पढ़ने के मस्जिदों की छत पर व्यवस्था करें. आज जुमे की नमाज मस्जिद की छत पर पढ़ी गई.
पिछले शुक्रवार को कोतवाली क्षेत्र स्थित बू अलीशाह मस्जिद पर सड़क पर नमाज पढ़ी गई थी, आज वहां निगरानी के लिए मजिस्ट्रेट को लगाया गया था. तमाम फ़ोर्स वहां मौजूद थी. इसके अलावा, पूरे शहर में जगह-जगह सेक्टर बनाकर मजिस्ट्रेटों को निगरानी के लिए लगाया गया था. बू अलीशाह मस्जिद के बाहर आज सड़क पर नमाज नहीं पढ़ी गई. नमाज शुरू होने से पहले ही वहां व्यवस्था के लिए लोगों को लगाया गया था जो नमाज पढ़ने वाले लोगों को मस्जिद के अंदर भेज रहे थे.
मस्जिद में धीरे-धीरे जगह भरती जा रही थी तो लोग बजाय सड़क आने केमस्जिद की छत की ओर बढ़ रहे थे. पहले ग्राउंड फ्लोर भरा, उसके बाद मस्जिद का फर्स्ट फ्लोर भर गया. अब जगह छत पर बची थी तो लोगों ने छत पर बैठकर नमाज पढ़ी. जुमे की नमाज का कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से निपट गया. बू अली शाह मस्जिद अलीगढ की जामा मस्जिद के निकट ही थी. आसपास और भी मस्जिद थी इसलिए प्रशासन की पूरी नजर कोतवाली थाने के इसी क्षेत्र में थी. नमाजियों ने बताया कि जैसा मुफ़्ती साहब ने कहा था उनकी बात का पूरा सम्मान किया गया और मस्जिद की छत पर नमाज अदा की गई. प्रशासन ने सड़क पर नमाज पढ़ने से इंकार किया था.
हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने अलीगढ़ प्रशासन की पहल का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि आज मस्जिदों की छत पर नमाज पढ़ी गई, ये बहुत अच्छा कदम है. जिलाधिकारी इसके लिए बधाई के पात्र हैं. पूरे प्रदेश में इसी तरह का आदेश लागू करे.
अलीगढ़ के अपर जिलाधिकारी नगर राकेश मालपानी ने बताया की शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट की व्यवस्था की जाती है. पुलिस भी मौजूद रहती है. आज शांति पूर्ण तरीके से जुमे की नमाज अदा की गई. सभी जगह शांति बनी रही. कहीं सड़क पर नमाज नहीं की गई.