तीन तलाक कानून के एक साल: UP में दर्ज हुईं 1434 FIR, 265 गिरफ्तारियां, मेरठ में सबसे ज्यादा केस
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तीन तलाक कानून के एक साल: UP में दर्ज हुईं 1434 FIR, 265 गिरफ्तारियां, मेरठ में सबसे ज्यादा केस

तीन तलाक के खिलाफ कानून बनने के बाद यूपी में कुल 1,434 एफआईआर हुई हैं, 265 गिरफ्तारियां हुई हैं. राज्य में तीन तलाक कानून के तहत सबसे ज्यादा केस मेरठ पुलिस ने दर्ज किए हैं. यहां एक साल में 376 मामले दर्ज हुए हैं.

सांकेतिक तस्वीर.

लखनऊ: देश में तीन तलाक के खिलाफ कानून बने एक साल हो चुके हैं. इस कानून के तहत तीन तलाक देना अब गैर कानूनी है. इसके लिए सजा और मुआवजे का प्रावधान भी किया गया है. क्या तीन तलाक के ​खिलाफ कानून बनने के बाद इसमें कमी आई है? आंकड़े देखकर पता चलता है कि नहीं आई है. उत्तर प्रदेश की बात करें तो तीन तलाक के खिलाफ कानून बनने के बाद राज्य में 2 अगस्त 2019 से 15 अगस्त 2020 के बीच रोजाना 4 मामले दर्ज हुए हैं.

यूपी में एक साल में दर्ज हुए 1,434 केस
तीन तलाक के खिलाफ कानून बनने के बाद यूपी में कुल 1,434 एफआईआर हुई हैं, 265 गिरफ्तारियां हुई हैं. राज्य में तीन तलाक कानून के तहत सबसे ज्यादा केस मेरठ पुलिस ने दर्ज किए हैं. यहां एक साल में 376 मामले दर्ज हुए हैं. वहीं तीन तलाक कानून के तहत दर्ज मामलों में सबसे ज्यादा चार्जशीट फाइल करने के मामले में आगरा पुलिस अव्वल है. आगरा पुलिस ने इस कानून के तहत पिछले एक वर्ष के दौरान 310 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें 132 केस में आरोप पत्र दायर हो चुका है.

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30 जुलाई, 2019 को अस्तित्व में आया कानून
भारतीय संसद के दोनों सदनों ने मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 पारित किया था. पिछले साल 30 जुलाई को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद तीन तलाक कानून अस्तित्व में आया. तीन तलाक कानून के तहत उत्तर प्रदेश में पहली एफआईआर 2 अगस्त, 2019 को मथुरा में दर्ज की गई थी.

तीन तलाक कानून में निम्न प्रावधान किए गए हैं
मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत तीन बार तालक, तलाक, तलाक बोलना अपराध माना गया है. लिखित, मेल, एसएमएस, वॉट्सऐप या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक चैट के माध्यम से तीन तालक देना अब गैरकानूनी है. इस कानून के तहत दर्ज मामलों में दोषी पाए जाने पर तीन साल तक सजा का प्रावधान है, साथ ही पीड़ित महिला और अपने और आश्रित बच्चों के लिए पति से मेन्टीनेंस (भरण-पोषण) लेने की भी हकदार है.

यूपी के विभिन्न पुलिस जोन में तीन तलाक के खिलाफ कानून बनने के बाद दर्ज मामले

मेरठ में 376 एफआईआर, 31 चार्जशीट फाइल, 336 में जांच जारी
आगरा में 310 एफआईआर, 132 चार्जशीट फाइल, 151 में जांच जारी
बरेली में 268 एफआईआर, 18 चार्जशीट फाइल, 252 में जांच जारी
कानपुर में 164 एफआईआर, 32 चार्जशीट फाइल, 124 में जांच जारी
लखनऊ में 118 एफआईआर, 11 चार्जशीट फाइल, 107 में जांच जारी
प्रयागराज में 70 एफआईआर, 15 चार्जशीट फाइल, 55 में जांच जारी
गोरखपुर में 56 एफआईआर, 5 चार्जशीट फाइल, 50 में जांच जारी
वाराणसी में 59 एफआईआर, 23 चार्जशीट फाइल, 33 में जांच जारी
लखनऊ* में 12 एफआईआर, 1 चार्जशीट फाइल, 10 में जांच जारी
नोएडा* में 1 एफआईआर, 0 चार्जशीट फाइल, 1 में जांच जारी

(आंकड़े 2 अगस्त 2019 से 15 अगस्त 2020 तक के हैं. * से मतलब कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद, यहां के आंकड़े 16 जनवरी 2020 से 15 अगस्त 2020 तक के हैं)

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