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बरेली: उत्तर प्रदेश के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा सोमवार को बरेली दौरे पर थे. बरेली में उन्होंने भाजपा कोर ग्रुप के सदस्यों के साथ चर्चा की. चर्चा के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को समय से सही बिल न मिलने व उनमें लगातार गड़बड़ी की शिकायत को लेकर सरकार गंभीर है. इस समस्या को जल्द ही दूर किया जाएगा. ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि प्रदेश में बिजली की चोरी रोकने के अभियान के तहत लाइन लॉस को कम किया जाएगा. जिस फीडर पर 15 प्रतिशत से कम लाइन लॉस होगा उस क्षेत्र में बिना रुकावट बिजली मिलेगी.
STF करेगी जांच
ऊर्जा मंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि स्मार्ट मीटर में तमाम शिकायते मिलने के बाद उनको लगाने से रोका गया है. साथ ही पूरे मामले की जांच STF को सौंपी गई है. जो भी दोषी होगा उसपर कार्रवाई होगी. बरेली में विकास कार्यों में मिल रही शिकायतों पर कहा कि सरकार की मंशा है कि विकास में किसी प्रकार की रुकावट न हो. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस की नीति है.
उपभोक्ताओं को सही बिल समय पर मिले,यह @UppclChairman की जिम्मेदारी है। जुलाई 2018में बिलिंग एजेंसियों से हुए करार के मुताबिक 8माह में शहरी व 12माह में ग्रामीण क्षेत्रों में 97% डाउनलोडेबल बिलिंग होनी थी,लेकिन आज भी 10.64% ही है। यह घोर लापरवाही है।@myogiadityanath @BJP4UP @UPGovt
— Shrikant Sharma (@ptshrikant) January 25, 2021
ऊर्जा मंत्री ने ट्वीट करके कहा कि 'उपभोक्ताओं को सही बिल-समय पर मिले, यह पावर कॉर्पोरेशन चेयरमैन की जिम्मेदारी है. जुलाई 2018 में बिलिंग एजेंसियों से हुए करार के मुताबिक 8 माह में शहरी व 12 माह में ग्रामीण क्षेत्रों में 97 फीसदी डाउनलोडेबल बिलिंग होनी थी, लेकिन आज भी यह 10.64 फीसदी ही है. यह घोर लापरवाही है'.
अधिकारियों की होगी जवाबदेही
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि थाना और तहसील से संबंधित शिकायते अगर उनको मिली तो अधिकारियों की जबावदेही तय होगी.किसान आंदोलन पर कहा कि जल्दी ही कोई रास्ता निकलेगा जिससे आंदोलन खत्म हो.
बता दें कि जुलाई 2018 में बिजली कंपनियों व बिलिंग एजेंसियों के बीच करार हुआ था. इसके तहत बिलिंग एजेंसियों को 8 से 12 महीने में शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 97 फीसदी उपभोक्ताओं के डाउनलोडेबल बिल जनरेट करने थे. ऊर्जा मंत्री के स्तर पर हुई समीक्षा में पता चला कि पावर कॉर्पोरेशन व बिजली कंपनियों के प्रबंधन की मिलीभगत और बिलिंग एजेंसियों को संरक्षण देने की नीति से इसका अनुपालन तो दूर इस दिशा में कोई ठोस कदम भी मैनेजमेंट ने नहीं उठाया. इससे नाराज ऊर्जा मंत्री ने अब अधिकारियों की जांच के लिए सीएम को लेटर लिखा है.
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