आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट से मिली हरी झंडी, दो कॉरिडोर के साथ 30 KM लंबा होगा स्ट्रेच
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आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट से मिली हरी झंडी, दो कॉरिडोर के साथ 30 KM लंबा होगा स्ट्रेच

केंद्रीय आवास एवं शहरी मंत्रालय के सचिव (Secretary, Ministry of Housing & Urban Affairs, Govt. of India) दुर्गा शंकर मिश्रा ने सिलसिलेवार ट्वीट के जरिए आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की जानकारी दी.

सांकेतिक तस्वीर.

आगरा: सुप्रीम कोर्ट से आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल गई है. इसके बाद उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉपोर्रेशन लिमिटेड (UPMRCL) ने आगरा में मेट्रो प्रोजेक्ट का काम शुरू करने के लिए अपनी कमर कस ली है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यूपीएमआरसीएल (UPMRCL) के सामने एक शर्त भी रखी है. इस शर्त के मुताबिक यूपीएमआरसीएल को आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट के साथ शहर में 18,230 पौधे लगाने होंगे. केंद्रीय आवास एवं शहरी मंत्रालय के सचिव (Secretary, Ministry of Housing & Urban Affairs, Govt. of India) दुर्गा शंकर मिश्रा ने सिलसिलेवार ट्वीट के जरिए आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की जानकारी दी.

उन्होंने ट्वीट के जरिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर की और आगरा वासियों को बधाई दी. दुर्गा शंकर मिश्र ने बताया कि आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 मार्च 2019 को रख दिया था, लेकिन कोर्ट स्टे लगने के कारण काम शुरू नहीं हो सका था. आपको बता दें कि आगरा मेट्रो परियोजना की लागत 8,379.62 करोड़ रुपए है. इसमें दो कॉरिडोर हैं -सिकंदरा से ताजमहल तक 14 किमी लंबी मेट्रो लाइन और आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक 15.4 किमी लंबी मेट्रो लाइन. कॉरिडोर 1 में 13 मेट्रो स्टेशन हैं जिनमें से 6 एलिवेटेड और 7 अंडरग्राउंड हैं.

वहीं कॉरिडोर 2 में 17 एलिवेटेड और 1 अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन हैं. इस प्रोजेक्ट से आगरा के करीब 20 लाख लोगों को लाभ होगा. आगरा मेट्रो परियोजना के लिए फिजिबिलिटी स्टडी 2016 में की गई थी, जिसे 28 फरवरी, 2019 को मंत्रिमंडल ने अनुमोदित किया था. अब शीर्ष अदालत ने सेंट्रल एम्पॉवर्ड कमेटी (Central Empowered Committee) की सिफारिशों के मुताबिक आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन के लिए कुछ दिशा निर्देशों और शर्तों के साथ अपनी मंजूरी दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सीईसी की सिफारिशों के मुताबिक यूपीएमआरसी को इस प्रोजेक्ट के लिए प्रस्तावित संख्या से 10 गुना अधिक यानी 18,230 पौधे लगाने होंगे.

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