UP: अब आगरा में कुत्ता पालने पर देना होगा पैसा, नगर निगम में कराना होगा रजिस्ट्रेशन
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UP: अब आगरा में कुत्ता पालने पर देना होगा पैसा, नगर निगम में कराना होगा रजिस्ट्रेशन

अगर आप आगरा के रहने वाले हैं और कुत्ते पालने का शौक रखते हैं तो आपकी जेब ढीली हो सकती है. नगर निगम ने अब कुत्ते पालने वालों से सालाना टैक्स वसूलने का प्रावधान किया है.

 

सांकेतिक तस्वीर.

शोभित चतुर्वेदी/आगरा: अपना राजस्व बढ़ाने के लिए आगरा नगर निगम खास तरह का फॉर्म्युला लेकर आया है. इसके तहत पालतू कुत्तों पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव नगर निगम ने पारित किया है. इतना ही नहीं कुत्ता पालने वाले मालिकों को इसके लिए बाकायदा नगर निगम में अपने रजिस्ट्रेशन कराना होगा. साथ ही हजार रुपये सालाना टैक्स भी भरना होगा. हाल ही में नगर निगम में यह प्रस्ताव रखा गया और अधिकांश पार्षदों के समर्थन के बाद इसे पास कर दिया गया. 

जानिए क्या है नियम?
आपको बता दें कि म्युनिसिपल एक्ट 2008 में दिए प्रावधानों के अनुसार कुत्ता पालने के लिए नगर निगम की अनुमति की जरूरत होती है. इसके लिए नगर निगम में बाकायदा पंजीकरण कराना होता है. इसके लिए बाकायदा कानून बने हुए हैं, जिनका पालन कम ही पशु पालक करते हैं. इसी को लेकर नगर निगम के राजस्व को बढ़ाने के लिए निगम के सदन में पार्षदों ने इसका प्रस्ताव रखा. निगम की मानें तो इस टैक्स से लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं होगी, क्योंकि अब शहर के लोग भी लक्जरी लाइफ जी रहे हैं. इस टैक्स से आए पैसे से जनोपयोगी काम होंगे.

निगम को करोड़ों की कमाई
कुत्तों पर टैक्स लगाने के पीछे पार्षदों का तर्क है कि तो पूरे शहर में करीब दस हजार पालतू कुत्ते हैं. इनका निगम में कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है. ये जगह-जगह पर गंदगी करते हैं और उस गंदगी को निगम के कर्मचारी साफ करते हैं. ऐसे में नगर निगम को कुत्ता पालने वालों से 1000 रुपए सालाना टैक्स लेना चाहिए. प्रस्ताव के मुताबिक अगर दस हजार पालतू कुत्तों के मालिकों से 1000 रुपए सालाना टैक्स लिया गया तो इससे नगर निगम को एक करोड़ की आमदनी होगी. इस प्रस्ताव पर चर्चा होने के बाद इसे आनन फानन में पास भी कर दिया गया. हालांकि निगम अधिकारियों की माने तो इस प्रस्ताव पर जल्द अमल में लाकर टैक्स प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

लोगों ने जताई नाराजगी
हालांकि नगर निगम के इस फरमान पर पशु पालकों ने नाराजगी जताई है. कई लोगों का मानना है कि निगम का यह फैसला अनुचित है. एक आम इंसान इस महंगाई के दौर में कहां से ये टैक्स देगा, वो पहले ही अपने पालतू डॉग पर कई खर्चे करता है. निगम के इस प्रस्ताव पर जब हमने शहर के प्रतिष्टित स्वानो के डॉक्टर संजीव नेहरू से बात की तो उन्होंने कहा कि, यह फैसला सरासर गलत है. कुछ लोग तो ऐसे होते हैं जिनका मन नहीं होता पर बच्चों के कहने पर घर में छोटा डॉगी (Puppy) पाल लेते हैं. जबकि कुछ सेवा-भाव की दृष्टि से कुत्तों को पालते हैं. उनके ऊपर बिना सुविधाओं के ऐसा टैक्स गलत है.

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