जब कोर्ट ने माना विवादित जगह था रामलला का स्थान, तो कारसेवकों पर मुकदमा कैसा: अखाड़ा परिषद
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जब कोर्ट ने माना विवादित जगह था रामलला का स्थान, तो कारसेवकों पर मुकदमा कैसा: अखाड़ा परिषद

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने इस मामले में केंद्र और यूपी सरकार से आडवाणी और जोशी समेत सभी कारसेवकों के मुकदमे वापस लिए जाने की मांग की है.

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि. (फाइल फोटो)

मो. गुफरान/प्रयागराज: भव्य राम मंदिर निर्माण शुरू के बाद अब BJP नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह और उमा भारती जैसे कारसेवकों पर दर्ज मुकदमों को वापस लिए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है.

'मुकदमा चलाने का औचित्य नहीं'
साधु-संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कारसेवकों के मुकदमे वापस लिए जाने की मांग की है. उनका कहना है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जगह को रामलला का स्थान मान लिया है, तो कारसेवकों के खिलाफ बाबरी ढांचा गिराए जाने के मुकदमे को चलाना का कोई औचित्य नहीं रह गया है.

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'प्रस्ताव पास कर सरकार को भेजेंगे पत्र'
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने इस मामले में केंद्र और यूपी सरकार से आडवाणी और जोशी समेत सभी कारसेवकों के मुकदमे वापस लिए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि आडवाणी, जोशी जैसे नेता काफी उम्रदराज हो चुके हैं, जब कोर्ट में मस्जिद होना साबित ही नहीं हुआ है, तो मुकदमा कैसा? उन्होंने इस मांग को लेकर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को संतों और अखाड़ा परिषद के अन्य सदस्यों के साथ होने वाली आगामी बैठक में प्रस्ताव पास कर पत्र भेजने की बात कही है.

गौरतलब है की इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट के सीनियर वकील सतेंद्र कुमार गर्ग भी कारसेवकों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग कर चुके हैं. कई दूसरे संत भी आडवाणी, जोशी समेत सभी कारसेवकों से केस वापस लेने की बात कह चुके हैं.

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