यूपी में सत्ता में वापसी की तैयारी में जुटे अखिलेश, जानिए 2022 के लिए क्या है गेम प्लान?
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यूपी में सत्ता में वापसी की तैयारी में जुटे अखिलेश, जानिए 2022 के लिए क्या है गेम प्लान?

यूपी में विधानसभा चुनाव 2022 में अभी लगभग 2 साल का समय बाकी है लेकिन समाजवादी पार्टी ने अभी से चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव इन दिनों फ्रंटफुट पर आकर सत्ता में वापसी के लिए बैटिंग करते नजर आ रहे हैं.

इन दिनों अखिलेश यादव बसपा और भाजपा के नेताओं को तोड़ने में भी जुटे हुए हैं.

नई दिल्ली: यूपी में विधानसभा चुनाव 2022 में अभी लगभग 2 साल का समय बाकी है लेकिन समाजवादी पार्टी ने अभी से चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव इन दिनों फ्रंटफुट पर आकर सत्ता में वापसी के लिए बैटिंग करते नजर आ रहे हैं. एक कहावत है कि दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंककर पीता है, क्योंकि जिस तरह से 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी के साथ गठबंधन करने के बाद अखिलेश यादव को नुकसान हुआ, उससे सबक लेते हुए पार्टी ने अब 2022 के लिए नई रणनीति तैयार की है. 

Zee News के पास सूत्रों से मिली Exclusive जानकारी के मुताबिक, अखिलेश यादव जून 2020 तक यूपी के सभी जिलों का दौरा करेंगे. फिलहाल अखिलेश यादव यूपी के कानपुर, फर्रूख़ाबाद, प्रयागराज, फ़िरोज़ाबाद, एटा, मैनपुरी, कन्नौज, कानपुर देहात, बाराबंकी, गोंडा, उन्नाव, इटावा, लखीमपुर खीरी, बरेली, पीलीभीत, लखनऊ का दौरा पिछले 2 महीनों में पूरा कर चुके हैं. दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से समाजवादी पार्टी में इस बात की चर्चा तेज थी कि अखिलेश यादव को राज्य का दौरा व्यापक स्तर पर करना चाहिए. 

जून 2020 तक यूपी के सभी जिलों में अखिलेश के दौरों के बाद समाजवादी पार्टी बूथ बनाओ अभियान की शुरुआत करने की तैयारी कर रही है. यूपी के 50 हजार से ज़्यादा पोलिंग बूथ पर सपा का टार्गेट है. इस मुहिम के दौरान समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव का संदेश हर बूथ पर देगी. सूत्र बता रहे हैं कि अखिलेश के इस संदेश में 2022 के लिए उनका लक्ष्य क्या होगा, इस बात का जिक्र होगा. यही नहीं यूपी की लगभग 300 विधानसभा सीटों पर अखिलेश यादव दिसंबर 2020 तक प्रत्याशियों का चयन कर लेंगे, ताकि सपा के प्रत्याशियों को चुनावी तैयारी के लिए कम से कम 1 साल का वक्त मिल सके. ये वो 300 सीटें होंगी जिन विधानसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी चुनाव जीतती रही है और मजबूत स्थिति में रही है. 

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से जुड़े करीबी सूत्रों का मानना है कि बूथ बनाओ अभियान के बाद अखिलेश 2021 में साइकिल यात्रा की शुरुआत करेंगे. 2012 की तरह इस बार भी अखिलेश यादव नोएडा से साइकिल यात्रा की शुरुआत कर सकते हैं. 

बसपा और भाजपा के नेताओं को तोड़ने में भी इन दिनों अखिलेश यादव जुटे हुए हैं. हाल ही में बीएसपी के कद्दावर नेता रामप्रसाद चौधरी और सीएल वर्मा के साथ कई पूर्व विधायकों ने सपा ज्वाइन की. अब सूत्र ये बता रहे हैं कि पूर्वी और पश्चिमी यूपी के बीएसपी के कई बड़े नेताओं को अखिलेश यादव सपा में शामिल कराने वाले हैं. 

यूपी में चुनाव हो और जातीय समीकरण को कोई राजनीतिक दल ना साधे, ये संभव नहीं है. समाजवादी पार्टी मुस्लिम वोट बैंक को अपने पाले में रखने के लिए कई महत्वपूर्ण मुस्लिम नेताओं को विधानसभा का टिकट देगी. सूत्र बता रहे हैं कि पूर्वी यूपी में सपा ब्राह्मण वोट बैंक और कुर्मी वोट बैंक पर विशेष फोकस कर रही है. मायावती के दलित वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए सपा मायावती की पार्टी के कई बड़े दलित चेहरों को पार्टी में शामिल कराने की तैयारी में जुटी है. 

पश्चिमी यूपी में जाट वोट बैंक को साधने के लिए समाजवादी पार्टी चौधरी अजित सिंह की आरएलडी से गठबंधन बरकरार रखने की तैयारी में है. क्योंकि पश्चिमी यूपी में जाट वोट बैंक बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. सूत्र बता रहे हैं पश्चिमी यूपी में सपा आरएलडी को लगभग 20-25 सीटें देने पर विचार कर रही है. 

अब देखना ये होगा कि क्या सपा इस बार अपनी रणनीति में कामयाब हो पाएगी या फिर बीजेपी के चुनावी चक्रव्यूह में फंस जाएगी? क्योंकि बीजेपी भले ही सत्ता में क्यों ना हो, लेकिन बीजेपी ने भी यूपी में अपनी तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं. बीजेपी भी अपने विधायकों का गोपनीय सर्वे करा रही है कि किसका टिकट काटना है और किसे दोबारा टिकट देना है. यही नहीं सपा के सामने चैलेंज प्रियंका गांधी और मायावती भी होंगी, क्योंकि अगर प्रियंका और मायावती सपा के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाती हैं तो इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिल सकता है.   

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