Doctor Death Arrested: लोगों की हत्या कर सबूत मिटाने के लिए मगरमच्छों से भरी नदियों और तालाबों में लाशें फेंकने वाला 'डॉक्टर डेथ' यानी देवेंद्र शर्मा आखिर दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ गया. करीब 50 लोगों की हत्या के आरोपी डॉक्टर डेथ ने कासगंज के हजारा नहर में कईयों के शव फेंके थे.
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Doctor Death Arrested: दिल्ली पुलिस ने देश के सबसे कुख्यात सीरियल किलर और आयुर्वेदिक डॉक्टर देवेंद्र शर्मा को राजस्थान के दौसा जिले में एक आश्रम से गिरफ्तार किया है. 'डॉक्टर डेथ' के नाम से कुख्यात इस अपराधी को पुलिस ने उस वक्त पकड़ा जब वह एक फर्जी पहचान पत्र के सहारे आश्रम में पुजारी बनकर रह रहा था. गिरफ्तारी के वक्त वह पुलिस की नजर से फरार था और बीते साल अगस्त में पैरोल पर जेल से छूटने के बाद से लगातार फरारी की ज़िंदगी जी रहा था.
कासगंज की हजारा नहर में फेंके शव
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, देवेंद्र शर्मा को दिल्ली-यूपी, राजस्थान और हरियाणा में हत्या और अन्य गंभीर अपराधों के सात मामलों में आजीवन कारावास की सजा मिल चुकी है. गुरुग्राम की एक अदालत ने उसे मृत्युदंड तक सुनाया है. पुलिस को संदेह है कि वह 50 से अधिक लोगों की हत्या में संलिप्त रहा है. 2002 से 2004 के बीच उसने कई टैक्सी और ट्रक चालकों की बेरहमी से हत्या की थी और इसके बाद शवों को उत्तर प्रदेश के कासगंज स्थित मगरमच्छों से भरी हजारा नहर में फेंक दिया जाता था, ताकि सबूत मिटाया जा सके.
हत्या कर बेच देता था गाड़ियां
पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) आदित्य गौतम के अनुसार, देवेंद्र शर्मा और उसका गिरोह ड्राइवरों को फर्जी यात्राओं के बहाने बुलाते थे और फिर हत्या करके उनकी गाड़ियां ब्लैक मार्केट में बेच देते थे. इस संगठित अपराध की आड़ में उसने हत्या, अपहरण और डकैती जैसे करीब 27 मामलों को अंजाम दिया.
1995 से शुरू हुआ आपराधिक सफर
देवेंद्र शर्मा की आपराधिक यात्रा की शुरुआत 1995 में हुई, जब वह अवैध गुर्दा प्रतिरोपण रैकेट चलाने के आरोप में सामने आया. बीएएमएस डिग्रीधारी शर्मा ने 1984 में राजस्थान में एक आयुर्वेदिक क्लिनिक खोला था, लेकिन कुछ ही वर्षों में उसने चिकित्सा की आड़ में गैरकानूनी गतिविधियों का जाल बिछा दिया. उसने पुलिस के सामने 125 से अधिक अवैध गुर्दा प्रतिरोपण करवाने की बात भी कबूल की थी. इस रैकेट में कई डॉक्टर और बिचौलिए शामिल थे.
गिरोह बनाकर ट्रक चालकों की हत्या और लूट
1995 से 2004 के बीच देवेंद्र शर्मा ने ट्रकों को लूटने और उनके चालकों की हत्या करने के लिए भी एक गिरोह तैयार किया था. गिरोह न सिर्फ ट्रकों में लदे सामान की चोरी करता था, बल्कि वाहनों को कबाड़ में बेचकर मोटी रकम भी कमाता था. बताया गया है कि वह हर हत्या के बदले सात लाख रुपये तक वसूलता था.
पैरोल पर रिहा होकर फरार
2004 में पुलिस ने उसे पहली बार गिरफ्तार किया था और तब से वह तिहाड़ जेल में सजा काट रहा था. लेकिन यह पहला मौका नहीं है जब वह पैरोल पर रिहा होकर फरार हुआ हो. इससे पहले भी जनवरी 2020 में 20 दिन की पैरोल पर छूटने के बाद वह सात महीने तक फरार रहा था और बाद में दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था.
फिर सलाखों में किडनी रैकेट का सरगना
कासगंज वाला डॉक्टर डेथ
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साधु भेष में रह रहा था 'हैवान'
पुलिस की अपराध शाखा ने उसे पकड़ने के लिए अलीगढ़, जयपुर, दिल्ली, आगरा और प्रयागराज जैसे कई शहरों में छह महीने तक सघन तलाशी अभियान चलाया. आखिरकार वह दौसा जिले के एक आश्रम में पकड़ा गया, जहां वह एक 'आध्यात्मिक गुरु' बनकर रह रहा था. अब पुलिस उसे दोबारा न्याय प्रक्रिया के हवाले करेगी और फरारी के नए मामलों में भी कार्रवाई की जाएगी
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