ग्रेटर नोएडा और अलीगढ़ के किसानों के लिए खुशखबरी है. दोनों शहरों के 41 गांवों की कुल 13 हजार 300 एकड़ जमीन सीधे खरीदी जाएगी. गौतमबुद्धनगर के 36 और अलीगढ़ के 5 गांव शामिल हैं.
जानकारी के मुताबिक इसमें यमुना प्राधिकरण (यीडा) ने विकास परियोजनाओं के लिए लैंड बैंक बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. जल्द ही किसानों से जमीन खरीदने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
पिछले महीने 28 मार्च को हुई बोर्ड की बैठक में 9200 करोड़ के बजट का प्रस्ताव रखा गया था. जिसमें जमीन के लिए 5 हजार करोड़ रुपये आरक्षित किए गए थे.
जिन किसानों की जमीन ली जाएगी. उनको 7 फीसदी आबादी भूखंडों का आवंटन भी 3 महीने के भीतर कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि जिस दिन जमीन का बैनामा होगा, उसी दिन किसानों को आबादी भूखंड आरक्षण पत्र भी दे दिया जाएगा.
यही नहीं एक साल के भीतर इन भूखंडों में सभी मूलभूत सुविधाएं भी विकसित करने की योजना है.
यमुना विकास प्राधिकरण पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 6 जिलों में फैला हुआ है. जिसमें आगरा, हाथरस, मथुरा, अलीगढ़, बुलंदशहर और गौतमबुद्धनगर शामिल हैं.
पहले चरण में गौतमबुद्धनगर और बुलंदशहर का विकास हो रहा है. जहां 75900 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 109 गांवों को मिलाकर कुल 226 गांव शामिल हैं. इसमें अभी करीब 24 हजार हेक्टेयर में विकास के काम चल रहा है.
वहीं, दूसरे चरण में मथुरा और अलीगढ़ को शामिल किया गया है. यमुना प्राधिकरण मथुरा में 415 गांवों की जमीन पर राया अर्बन सेंटर को विकसित करेगा जबकि अलीगढ़ के 92 गांव की जमीन पर टप्पल बाजना अर्बन सेंटर विकसित होगा.
इसके अलावा तीसरे चरण में आगरा और हाथरस को विकसित किया जाएगा. आगरा का जोनल प्लान तैयार हो चुका है जबकि हाथरस में भी होने वाले विकास के कामों की रूपरेखा तैयार करने का काम शुरू हो गया है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.