प्रयागराज: अमर गिरी को मिली बड़े हनुमान मंदिर के प्रबंधन की जिम्मेदारी, आनंद गिरी बोले- सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं
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प्रयागराज: अमर गिरी को मिली बड़े हनुमान मंदिर के प्रबंधन की जिम्मेदारी, आनंद गिरी बोले- सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं

निरंजनी अखाड़े से निकाले जाने पर महंत आनंद गिरी ने शनिवार को बयान दिया है. 

फाइल फोटो.

विशाल रघुवंशी/प्रयागराज: श्रीपंचायती अखाड़ा निरंजनी ने शुक्रवार को बड़े हनुमान मंदिर के छोटे महंत और योगगुरु स्वामी आनंद गिरि को बाघम्बरी मठ और निरंजनी अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया. उनके बाद अब बड़े हनुमान मंदिर प्रबंधन की जिम्मेदारी स्वामी अमर गिरि को सौंपी गई है. बड़े हनुमान मंदिर के महंत और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी है. इसके बाद अब स्वामी अमर गिरी की देखरेख में बड़े हनुमान मंदिर की समस्त व्यवस्थाएं चलेंगी. अभी तक आनंद गिरि इस काम को देखते आये थे. 

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निष्कासन पर क्या कहा आंनद गिरी ने ?
निरंजनी अखाड़े से निकाले जाने पर महंत आनंद गिरी ने शनिवार को बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ अखाड़े की कार्रवाई से आहत हूं और अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं. लेकिन गुरु नरेंद्र गिरी से कोई शिकायत नहीं है. आंनद गिरी ने गुरु के खिलाफ कभी कुछ नहीं बोला और कहा कि नरेंद्र गिरी मेरे मेरे गुरु थे, हैं और रहेंगे. कुछ लोग मेरे और मेरे गुरु नरेंद्र गिरी के बीच झगड़ा लगाने की कोशिश कर रहे हैं. 

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स्वामी आनंद गिरी कल अखाड़े से किये गये थे निष्कासित
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कार्रवाई करते हुए आंनद गिरी को शुक्रवार को निष्कासित किया था. आनंद गिरि पर अपने परिवार से संबंध रखने का आरोप लगा था. संन्यास परंपरा में घर से संबंध रखने पर अखाड़े से निष्कासित किया जाता है. इसके साथ ही कल ही महंत नरेंद्र गिरि ने श्री मठ बाघम्बरी गद्दी से भी आंनद गिरी को निष्कासित कर दिया था. उन पर आरोप है कि बाघम्बरी गद्दी और मंदिर से अर्जित धन को वह घर भेजते थे. पंच परमेश्वर की जांच में दोनों आरोप सही पाए जाने पर यह कार्रवाई की गई थी. महंत नरेंद्र गिरि के पत्र पर पंच परमेश्वर की कार्यकारिणी की हरिद्वार में हुई बैठक में निष्कासन पर फैसला हुआ है.

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