अतीक अहमद धमकी मामला: सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार से दो हफ्तों में मांगा जवाब
बरेली ड्रिस्ट्रिक्ट जेल सुपरिंटेंडेंट द्वारा किए गए निवेदन के जवाब में एसएसपी मुनिराज जी ने जेल अधीक्षक की सिक्यॉरिटी के लिए एक गनर नियुक्त कर दिया है.
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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के देवरिया में जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक अहमद पर एक कारोबारी द्वारा धमकी देने और अपरहण के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से दो हफ्तों के अंदर जवाब मांगा है. आरोप है कि पूर्व सांसद अतीक अहमद के गुर्गों ने एक रियल एस्टेट कारोबारी का अपहरण कर लिया. कारोबारी को अपहर्ता गोमतीनगर से देवरिया जेल में बंद अतीक के पास ले गए, जहां उसकी पिटाई करके प्रॉपर्टी के कागजात पर हस्ताक्षर करा लिए गए और गाड़ी भी छीन ली गई. पीड़ित की शिकायत पर एसएसपी ने कार्रवाई के निर्देश दिए. वहीं, बरेली ड्रिस्ट्रिक्ट जेल सुपरिंटेंडेंट द्वारा किए गए निवेदन के जवाब में एसएसपी मुनिराज जी ने जेल अधीक्षक की सिक्यॉरिटी के लिए एक गनर नियुक्त कर दिया है.
जेल अधीक्षक को मिली सुरक्षा
जेल अधीक्षक की सुरक्षा के लिए एक गनर नियुक्त कर दिया है. इसके इतर पीएसी के 30 जवान भी जेल परिसर में तैनात कर दिए गए हैं ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति को काबू किया जा सके. आपको बता दें कि अतीक अमेद के खिलाफ 22 जघन्य मामले लंबित हैं.
जेल अधीक्षक ने लिखा था पत्र DM को पत्र
इस शिकायत के बाद माफिया से राजनेता बने अतीक अहमद को देवरिया जेल से बरेली शिफ्ट किया गया था, जिसके बाद जेल अधीक्षक ने डीएम बरेली वीरेंद्र कुमार सिंह को पत्र लिखा था कि जेल, जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर है. यहां से पुलिस थाना बिथरी करीब पांच किलोमीटर दूर है. जेल के बाहर ग्रामीण अंचल और खुला स्थान है, जिसके कारण यहां अपराधियों के आसानी से पहुंचने की स्थिति बनी रहती है. कारागार परिसर में रहने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों में सुरक्षा की भावना सुनिश्चित किए बिना बंदी पर अनुशासन बनाए रखना संभव नहीं है.
रस्सी से बांधकर पीटा
पीड़ित ने आगे बताया, 'मुझे कुछ कंपनियों के चेक, रिक्त पत्र और त्याग पत्र पर हस्ताक्षर करने को कहा गया. साथ ही जेल में रस्सी से बांधकर पीटा गया. मैं मदद के लिए चिल्लाया, लेकिन कोई भी मेरी मदद करने नहीं आया. मैंने एफआईआर दर्ज करवाई है.'
क्या है पूरा मामला
आरोप है कि पूर्व सांसद अतीक अहमद के गुर्गों ने एक रियल एस्टेट कारोबारी का अपहरण कर लिया. कारोबारी को अपहर्ता गोमतीनगर से देवरिया जेल में बंद अतीक के पास ले गए, जहां उसकी पिटाई करके प्रॉपर्टी के कागजात पर हस्ताक्षर करा लिए गए और गाड़ी भी छीन ली गई. पीड़ित की शिकायत पर एसएसपी ने कार्रवाई के निर्देश दिए. आलमबाग पुलिस ने दो को गिरफ्तार कर गाड़ी बरामद कर ली है.
धन उगाही का दबाव
आलमबाग के विश्वेश्वर नगर निवासी मोहित जायसवाल रियल एस्टेट का काम करते हैं. उनका ऑफिस गोमतीनगर के विराट खंड में है. मोहित का आरोप है कि देवरिया जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक अहमद ने दो साल पहले उन पर धनउगाही का दबाव बनाया था. डर के कारण पीड़ित ने उस समय रुपये दे दिए थे.
ऑफिस पर कब्जा
इसके बाद अतीक शांत हो गया लेकिन चार माह पूर्व अतीक के दो गुर्गे फारुख और जकी अहमद ने फिर रंगदारी मांगी. इनकार पर दो माह पहले दोनों ने मोहित के ऑफिस पर कब्जा कर लिया. दोनों ने जबरन कंपनी में अपना नाम लिखवा लिया और मोहित तथा उनकी बहन के डिजिटल हस्ताक्षर भी ले लिया. हालांकि, मोहित ने कोई शेयर दोनों को स्थानांतरित नहीं किया.
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