अयोध्या केस: महंत धर्मदास बोले- सुनवाई पूरी होने से खुश हूं, फैसला हमारे हक में आएगा
Advertisement

अयोध्या केस: महंत धर्मदास बोले- सुनवाई पूरी होने से खुश हूं, फैसला हमारे हक में आएगा

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बुधवार को सुनवाई पूरी होने के बाद निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्मदास ने खुशी जताई. उन्होंने कहा कि फैसला हमारे हक में ही आएगा. अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के वकील बरूण सिन्हा ने कहा कि न्याय पर सबको भरोसा है उम्मीद की हमारे हक में फैसला आएगा.

अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होने से निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्मदास खुश हैं.

नई दिल्ली: अयोध्या मामले (Ayodhya case) में सभी पक्षों की ओर से बुधवार को बहस पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। 17 नवंबर तक फैसला आने की उम्मीद है. अयोध्या मामले (Ayodhya case) में 40 दिनों तक चली लंबी सुनवाई आज पूरी हो गई. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर सभी पक्षों को लिखित में अपना पक्ष रखने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बुधवार को सुनवाई पूरी होने के बाद निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्मदास ने खुशी जताई. उन्होंने कहा कि फैसला हमारे हक में ही आएगा. 

उधर, अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के वकील बरूण सिन्हा ने कहा कि न्याय पर सबको भरोसा है उम्मीद की हमारे हक में फैसला आएगा. इसके बाद महंत धर्मदास के वकील वीरेंद्र चौबे ने कहा कि फैसला रामलला विराजमान के हक में आएगा, क्योंकि रामलला एक न्यायिक व्यक्ति है. इधर, हिंदू महासभा के वकील विष्णू शंकर जैन ने कहा कि 40 दिनों तक मैराथन सुनवाई चली अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के ऐतिहासिक फैसले का इंतजार है. उन्होंने कहा कि हमने दलील अपने मेरिट पर रखी है और मुस्लिम पक्ष के वकील के पास कोई मेरिट नहीं था, इसलिए उन्होंने फ्रस्ट्रेशन में आकर नक्शा फाड़ दिया.

वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने इस नक्शे को पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल की किताब Ayodhya Revisited से निकालकर अदालत में पेश किया था. ये किताब 2016 में प्रकाशित की गई थी. 

मालूम हो कि अयोध्‍या केस में छह अगस्‍त से चल रही नियमित सुनवाई सभी पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद पूरी हो गई. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. कहा जा रहा है कि 17 नवंबर से पहले फैसला आ सकता है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि 17 नवंबर को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई रिटायर होने वाले हैं. वह इस केस की सुनवाई के लिए गठित संविधान पीठ के मुखिया हैं. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अयोध्‍या केस की 40वें दिन की सुनवाई में रामलला विराजमान के सीएस वैद्यनाथन ने अपनी जिरह में कहा कि पैग़ंबर मोहम्मद ने कहा था कि किसी को मस्ज़िद उसी ज़मीन पर बनानी चाहिए, जिसका वह मालिक है. सुन्नी वक्फ बोर्ड जगह पर मालिकाना हक साबित करने में नाकाम रहा और सिर्फ नमाज़ पढ़ने को आधार बना कर ज़मीन दिए जाने की मांग कर रहा है.

 

अयोध्या मामले (Ayodhya case) में पहले याचिकाकर्ता रहे स्वर्गीय गोपाल सिंह विशारद की तरफ से वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने कहा कि इमारत में मूर्ति रखने का केस अभिराम दास पर दर्ज हुआ. वही वहां पुजारी थे. वह निर्वाणी अखाड़ा के थे. सेवादार होने का निर्मोही अखाड़ा का दावा गलत है.

इससे पहले जब आज सुनवाई शुरू हुई तो चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने स्‍पष्‍ट किया कि किसी नए दस्‍तावेज पर विचार नहीं किया जाएगा. दरअसल हिंदू महासभा की हस्‍तक्षेप संबंधी एप्‍लीकेशन को खारिज करते हुए मुख्‍य न्‍यायाधीश ने कहा कि हर हाल में आज शाम 5 बजे तक इस मामले में सुनवाई खत्‍म हो जाएगी. बस बहुत हुआ...चीफ जस्टिस ने बीजेपी नेता सुब्रमण्‍यम स्‍वामी को बहस करने की इजाज़त देने से मना किया. कहा कि उनकी याचिका मामले में शामिल नहीं है, वह केवल सुनवाई को सुन सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि हमने ये कल ही कह दिया था कि किसी और को नही सुनेंगे.

Trending news