नागरिकता संशोधन कानून पर प्रदेशभर में लगी आग अयोध्या जिले से दूर क्यों रही, ये सवाल उठना लाजमी है.
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लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Bill) के विरोध में उत्तर प्रदेश के 21 जिलों में उग्र प्रदर्शन किए गए थे. इनमें से कई जिलों में उपद्रवियों ने हिंसक प्रदर्शन भी किया था. यूपी में हुए हिंसक प्रदर्शनों में अब तक कुल 18 लोगों की मौत हुई है. वहीं, इन सबके बीच नागरिकता संशोधन कानून की आंच रामनगरी अयोध्या से दूर ही रही. अयोध्या ने एकबार फिर से सद्भावना की मिसाल कायम करते हुए मानवता को तरजीह दी. अयोध्या जिले में किसी भी प्रकार के प्रदर्शन आदि की खबर सामने नहीं आई. जबकि, बीते माह सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या में विवादित भूमि पर रामलला विराजमान के पक्ष में फैसला सुनाया गया था. इन सबके बावजूद अयोध्या में शांति बनी रही थी.
नागरिकता संशोधन कानून पर प्रदेशभर में लगी आग अयोध्या जिले से दूर क्यों रही, ये सवाल उठना लाजमी है. दरअसल, अयोध्या में नागरिकता संशोधन कानून की आग यूपी पुलिस की मुस्तैदी से नहीं पहुंच सकी. यूपी में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद यूपी पुलिस ने उपद्रवियों पर कड़ी कार्रवाई की. वहीं, यूपी पुलिस ने इस मामले में बड़ा खुलासा करते हुए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) का हाथ होने के सबूत भी खोज निकाले. यूपी पुलिस ने लखनऊ में हिंसा के फैलाने के मास्टरमाइंड पीएफआई के नदीम, वसीम और अशफाक को गिरफ्तार किया था.
आशंका जताई जा रही है कि पीएफआई संगठन ने अयोध्या फैसले के समय ही प्रदेश में आग फैलाने की साजिश रची थी. दरअसल, इन लोगों के पास से बाबरी मस्जिद-राम मंदिर को लेकर कई पैंफ्लेट और भड़काऊ साहित्य बरामद हुआ था. पुलिस ने बताया था कि पीएफआई संगठन 13 राज्यों में सक्रिय हैं. शामली, गोंडा, बहराइच, सीतापुर, आजमगढ़ जैसे जिलों में ये अपनी पहुंच बना रहे थे.
पुलिस ने कहा था कि हिंसा भड़काने के लिए अन्य जिलों के बाहरी तत्वों का सहारा लिया गया. पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये नदीम और अशफाक, ये दोनों ही बाराबंकी के रहने वाले थे. वहीं, एक अन्य वसीम, लखनऊ का ही रहने वाला है. ये सभी पीएफआई के सदस्य हैं. वहीं, इस मामले में पुलिस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 19 दिसंबर को किए गए हिंसक प्रदर्शनों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का हाथ था. जांच में पुलिस ने पहले वसीम नाम के शख्स को गिरफ्तार किया. वसीम इंदिरा नगर का रहने वाला है और पीएफआई का प्रदेश अध्यक्ष है. वसीम की निशानदेही पर प्रदेश कोषाध्यक्ष नदीम और डिविजन अध्यक्ष अशफाक वसीम को गिरफ्तार किया. पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि वसीम के अन्य साथियों नदीम और अशफाक ने हिंसा फैलाने की योजना बनाई थी.
पुलिस ने इन लोगों के पास से भारी मात्रा में भड़काऊ सामग्री बरामद की थी. पुलिस द्वारा बरामद सामग्री में सीएए और एनआरसी विरोधी पैंफ्लेट और बाबरी मस्जिद-राम मंदिर से जुड़ा भड़काऊ साहित्य समेत भड़काऊ सीडी मिली थी. कहा जा रहा है कि इन लोगों की योजना थी कि माहौल को राम मंदिर समेत अन्य मुद्दों के जरिये और अधिक भीषण रूप से भड़काया जाए. हालांकि, पुलिस ने इन पर शिकंजा कसकर इन लोगों को केवल एक ही जिले में रोक लिया. आशंका जताई जा रही है कि ये लोग अयोध्या में भी हिंसा भड़काना चाहते थे.
वहीं, सीएए के खिलाफ हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए साधु-संतों और बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने भी देशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की थी. बाबरी मस्जिद पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा था कि ये कानून देश की भलाई के लिए है. मुस्लिम समाज इस कानून से खतरे में नहीं है. ये सिर्फ अफवाह है कि मुस्लिम समाज खतरे में है. मुस्लिम समाज से अपील है कि कोई ऐसा काम न करें जिससे देश का नुकसान हो. इकबाल अंसारी का मानना था कि हिंसक विरोध नेताओं की चाल है, नेता चाहते हैं कि देश में हिंदू-मुस्लिम लड़ते रहें और वो राज करते रहें. मुस्लिम समाज को CAA कानून को समझना चाहिए कि ये क्या है. यदि उनको समझ में नहीं आता है तो अपने जिले के उच्च अधिकारी से इस विषय में बात करके समझें.
वहीं, राम जन्मभूमि रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी मुस्लिम समाज से अपील की थी. आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा था कि ये कानून किसी के लिए भी हानिकारक नहीं है. CAA को लेकर अफवाह व भ्रम पैदा किया जा रहा है. भारत के विरोधी लोग ही प्रदर्शन व तोड़फोड़ कर रहे हैं. समझदार लोग CAA कानून का समर्थन कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ सबका विकास को लेकर काम कर रहे हैं. मुस्लिम समाज से अपील है कि वो धोखे व बहकावे में न आएं. उन्होंने कहा था कि संविधान के अनुसार ही देश चल रहा है. ये देश हिंदू राष्ट्र बनने नहीं जा रहा है. देश में संविधान और कानून का राज है और रहेगा. मुस्लिम समाज देश में रहकर सहयोगी बने रहेंगे. मुस्लिम समाज किसी भी बहकावे में न आए और ना ही देश का नुकसान करें.