नई दिल्ली: दशकों जो मुद्दा भारतीय राजनीति का विषय रहा आज (9 नवबंर) उस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फैसला सुना दिया है. जिस फैसले को लेकर शुक्रवार (8 नवंबर) शाम से लोगों की निगाहें थी, उस फैसले को सीजेआई (CJI) रंजन गोगोई ने सुबह सुनाया. देश का सबसे बड़ा फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विवादित जमीन रामलला विराजमान को दी जाए.


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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब लोगों की प्रतिक्रिया भी आने लगी है. बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) के पक्षकार इकबाल अंसारी (Iqbal Ansari) ने कहा कि हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. दशकों के बाद आज ये दिन देखने को मिला है, जब ये विवाद हमेशा-हमेशा के लिए खत्म हो गया. 


 



 


पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने दो टूक कहा कि हम जो पहले से कहते थे वो आज भी कहते हैं. हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. कोर्ट ने 5 एकड़ जमीन देने के लिए कहा है. जमीन कहां दी जाएगी, ये फैसला केंद्र और राज्य सरकार का फैसला है. उन्होंने कहा लेकिन सबसे अहम ये है कि दशकों से चल रहा विवाद आज खत्म हो गया है. 


आपको बता दें कि सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाया जाए साथ ही केंद्र सरकार (Central Government) तीन महीने में इसकी योजना बनाए. वहीं, सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन देने का भी फैसला किया गया है.


सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन देने का भी फैसला किया गया है. सीजेआई ने कहा कि ये पांच एकड़ जमीन या तो अधिग्रहित जमीन से दी जाए या फिर अयोध्या में कहीं भी दी जाए. वहीं 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर सरकार का अधिकार रहेगा.


कोर्ट ने अयोध्या मामले में निर्मोही अखाड़े का खारिज करते हुए कोर्ट ने रामलला विराजमान कानूनी तौर पर मान्यता है. सीजेआई ने कहा कि इतिहास जरूरी लेकिन कानून सबसे ऊपर होता है. 
सीजेआई ने कहा कि सभी धर्मों को समान नजर से देखना हमारा कर्तव्य है. देश के हर नागरिक के लिए सरकार का नजरिया भी यही होना चाहिए.