अयोध्या: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अयोध्या को भारत की 'धार्मिक राजधानी' के रूप में विकसित करना चाहती है. इसमें उसे केंद्र की मोदी सरकार का भी पूरा सहयोग मिल रहा है. अयोध्या में हजारों करोड़ के विकास कार्य चल रहे हैं और बहुत सारी योजनाएं प्रस्तावित हैं. राज्य और केंद्र सरकार की प्राथमिकता अयोध्या को पूरे देश और दुनिया से जोड़ने के लिए वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण की है. इस दिशा में का भी हो रहा है. अयोध्या में 80 करोड़ की लागत से अंतरराज्यीय बस स्टेशन बनकर तैयार है.


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एयरपोर्ट के लिए योगी सरकार ने 500 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं. वहीं, 104.77 करोड़ की लागत से अयोध्या रेलवे स्टेशन का विकास कार्य भी प्रगति पर है. रामनगरी अयोध्या के रेलवे स्टेशन का डिजाइन राम मंदिर जैसा है. पिलर और गुंबद राम मंदिर मॉडल की तरह आकार ले रहे हैं. रेलवे स्टेशन के मुख्य भवन का निर्माण रेलवे की राइट्स (RITES) उपक्रम द्वारा किया जा रहा है.



इस भवन का निर्माण दो चरणों में होगा, प्रथम चरण में प्लेटफॉर्म संख्या 1, 2 और 3 का विकास, वर्तमान सरकुलेटिंग एरिया का विकास और होल्डिंग एरिया का विकास हो रहा है. दूसरे चरण में नए स्टेशन भवन का निर्माण व अन्य सुविधाओं का निर्माण कार्य होगा. स्टेशन की दीवारों पर रामचरितमानस की चौपाईयां उकेरी जाएंगी. पूरा स्टेशन एलईडी लाइट्स से जगमगाएगा.


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स्टेशन के आंतरिक और बाहरी परिसर का नवीनीकरण, वातानुकूलित वेटिंग रूम, 17 विस्तरों वाली पुरुष डॉरमेट्री, टॉयलेट सहित, 10 विस्तरों वाली महिला डॉरमेट्री सहित, एक अतिरिक्त फुट ओवर ब्रिज, फूड प्लाजा, दुकानें, आदि का निर्माण होगा. इसके अतिरिक्त स्टेशन पर पर्यटक केंद्र, टैक्सी बूथ, शिशु विहार, वीआईपी लाउंज, सभागार और विशिष्ट अतिथि गृह का निर्माण होना है. उत्‍तर एवं उत्‍तर मध्‍य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने कहा कि अयोध्या के विशेष महत्व को ध्यान में रखते हुए यहां के रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण हो रहा है. 


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