अयोध्या: राम भक्त अयोध्या में जिस मंदिर के लिए वर्षों से इंतजार कर रहे थे, उसके निर्माण की शुरुआत आगामी 5 अगस्त से हो जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या में भूमि पूजन के बाद राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे. आपको बता दें कि बीते वर्ष 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक निर्णय देते हुए अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया था. आइए हम आपको बताते हैं कि अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर का स्वरूप कैसा होगा...?


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राम मंदिर का निर्माण वर्ष 1989 में विश्व हिंदू परिषद द्वारा प्रस्तावित मॉडल के अनुरूप ही होगा. हालांकि, अयोध्या में 18 जुलाई को हुई श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राम मंदिर को भव्यता देने के लिए इसके मुख्य शिखर की ऊंचाई को वीएचपी मॉडल में प्रस्तावित 128 फीट से बढ़ाकर 161 फीट किया जाएगा. राम मंदिर में मुख्य शिखर के अलावा कुल पांच शिखर होंगे.


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राम मंदिर का निर्माण 67 एकड़ के विस्तार वाले राम जन्मभूमि परिसर में होगा. लेकिन, मुख्य मंदिर सिर्फ 2 एकड़ में ही बनेगा. बाकी 65 एकड़ जमीन पर राम मंदिर परिसर का विस्तार होगा. राम मंदिर को पूर्ण रूप से बनकर तैयार होने में साढ़े तीन साल का समय लगेगा. हालांकि, यह एक अनुमान है. इससे ज्यादा समय भी लग सकता है. राम मंदिर परिसर का निर्माण कार्य पूरा होने में ज्यादा समय लगेगा. यह मंदिर 1000 साल तक अपनी भव्यता का अहसास कराएगा.


राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या के कारसेवक पुरम स्थित वीएचपी कार्यशाला में तराशे गए पत्थरों का इस्तेमाल होगा. इसके अलावा भी पत्थर चाहिए होंगे, जो राजस्थान से आएंगे. राम मंदिर के निर्माण की जिम्मेदारी देश की दिग्गज कंस्ट्रक्शन कंपनी एल एंड टी (L&T) को सौंपी गई है. राम मंदिर मजबूत बने, इसके लिए जमीन के 200 फीट नीचे तक की मिट्टी का परीक्षण किया गया है. राम मंदिर की नींव कितनी गहरी होगी, यह एल एंड टी कंपनी तय करेगी.


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