अयोध्या: लोकसभा चुनाव में बीजेपी की फैजाबाद सीट पर हुई हार के बाद अब डैमेज कंट्रोल शुरू हो चुका है. अब जनहित के मुद्दों पर बड़े फैसले लिए जा रहे हैं. रामनगरी अयोध्या में विस्थापित दुकानदारों को इस बाबत बड़ी राहत देने का फैसला किया गया है. इस दिशा में पहल करते हुए दुकानदारों के विस्थापन का मुद्दा काफी गंभीर रूप ले चुका था, दरअसल, रामनगरी में रामपथ, भक्ति पथ के साथ ही जन्मभूमि पथ के चौड़ीकरण में जो भी दुकानदार विस्थापित हुए उनको नई दुकानें देने का वादा था पर दुकानों के तैयार होने के बाद उनके आवंटन की दर इतनी ज्यादा कर दी गई कि प्रभावितों को लगा जैसे उनके साथ ठगी हुई है और उन्हें क्षतिपूर्ति भी कम दी गई है. 


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भरण-पोषण का संकट 
दुकानें ध्वस्त होने से काफी संख्या में व्यापारी इस स्थिति में आ चुके थे कि उनके सामने भरण-पोषण तक का संकट आ गया था. जिसे लेकर शासन-सत्ता को जनता के गुस्से को उनके दिए हार के द्वारा झेलना पड़ा लेकिन अब इस मामले में बड़ी राहत देते हुए राम, भक्ति और जन्मभूमि पथों के चौड़ीकरण से विस्थापित हुए दुकानदारों को विकास प्राधिकरण ने कौशलेश कुंज, अमानीगंज, टेढ़ीबाजार पूर्वी के साथ ही टेढ़ी बाजार पश्चिमी पार्किंग में बनाई दुकानों के आवंटियों को 30 प्रतिशत तक दुकानों के मूल्य में छूट देते हुए 20 साल के लिए ब्याज रहित किस्त पर दुकानों को आवंटित करने का फैसला किया है.


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विपक्षी दल द्वारा इस समस्या को बहुत प्रमुखता से उठाया जाता रहा जिसका असर भी साफ साफ दिखा है. एक वर्ष बाद अब जाकर प्राधिकरण की बोर्ड बैठक गुरुवार को संपन्न कराई गई जिसके बाद इस मुद्दे पर महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा सका.  आवंटियों को प्राधिकरण के इस निर्णय से बड़ी राहत मिलने वाली है. प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक जनहित के मुद्दे को हमेशा ही प्राथमिकता दी जाती रही है. समीक्षा के बाद दुकानों के मूल्य में अब छूट देते हुए किस्त का भी प्रावधान किया है.