रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के बाद अब अयोध्या क्षेत्र से गुजरने वाले 84 कोसी मार्ग को 3350 करोड़ की लागत से राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में विकसित किया जा रहा है. इससे अयोध्या, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, बस्ती, और गोंडा जिलों के प्रमुख तीर्थ स्थलों, ऋषि आश्रमों और पौर
अयोध्या में रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के बाद अब अयोध्या के 84 कोसी परिक्रमा मार्ग का विकास किया जा रहा है. 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को फोर लेन राष्ट्रीय राजमार्ग में तब्दील किया जा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर यात्रा सुविधा मिलेगी.
3350 करोड़ रुपये की लागत से 275 किमी लंबे इस मार्ग का निर्माण किया जा रहा है, जिसे छह खंडों में बांटा गया है. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने टेंडर प्रक्रिया और जमीन अधिग्रहण का काम शुरू हो गया है.
एनएचएआई ने परिक्रमा मार्ग के वार्षिक अनुरक्षण के लिए खंड 4 के लिए 2.52 करोड़ और खंड 6 के लिए 2.63 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है.
84 कोसी परिक्रमा मार्ग अयोध्या, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, बस्ती, और गोंडा जिलों के प्रमुख तीर्थ स्थलों, ऋषि आश्रमों और पौराणिक स्थलों को जोड़ता है.
श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए खैरा से अल्लीपुर बांध तक बाईपास निर्माण की भी योजना है जिस पर काम शुरू किया जा चुका है.
प्राधिकरण ने दिनेश सिंह के ईंट भट्ठे से अल्लीपुर बांध तक क्षेत्र का सर्वे किया है. स्केल मीटर का उपयोग कर मार्ग की विस्तृत मैपिंग की जा रही है.
परिक्रमा मार्ग को 45 मीटर चौड़ी टू-लेन पेवर्ड ब्लॉक सड़क के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे यात्रा और परिवहन आसान होगा.
अयोध्या 84 कोसी परिक्रमा मार्ग त्रेतायुगीन धार्मिक परंपराओं से जुड़ा है, जिस पर चलते हुए श्रद्धालु विभिन्न तीर्थों और कुंडों की परिक्रमा करते हैं.
84 कोसी परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में विकसित करने से श्रद्धालुओं का तमाम तरह की सुविधाएं मिलेंगी. 84 कोसी मार्ग पर पड़ने वाले मंदिरों और तीर्थ तक पहुंचने का सफर आसान होगा तो वहीं यह मार्ग पूरे परिक्रमा क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्रदान कर स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा.
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