अगर आप तैरना नहीं जानते तो गंगा जैसी पवित्र नदियों में स्नान भी कभी-कभी जोखिम भरा हो सकता है. लेकिन कुछ महीने पहले महाकुंभ 2025 में यूपी सरकार ने एक सफल प्रयोग जिससे वो श्रद्धालु भी पवित्र नदियों में बेफिक्र होकर स्नान कर सकते हैं जिन्हें तैरना नहीं आता है. इस संरचना को फ्लोटिंग स्नान कुंड कहते हैं.
फ्लोटिंग स्नानकुंड में पानी की गहराई 4 फीट से ज्यादा नहीं होती है. इस तरह के स्नानकुंड के नीचे स्टेनलेस स्टील की मोटी जाली लगी होती है जिससे पानी छनकर आता है. कुंड में उतरने के लिए सीढ़ियां भी बनाई जाती है ताकि आसानी से कुंड में पहुंच सकें. और यह एक तैरता हुआ ढांचा होता है.
यह एक तैरती हुई संरचना होती है जो हल्के और टिकाऊ सामग्री जैसे पांटून, फाइबर, प्लास्टिक ब्लॉक और स्टील फ्रेम से बनाई जाती है. यह पूरा ढांचा पानी में स्थिर रहता है और नदी के उतार चढ़ाव के साथ खुद ब खुद समायोजित (adjust) हो जाता है.
उत्तर प्रदेश का वाराणसी में यूपी का सबसे पहला फ्लोटिंग स्नानकुंड बनाया गया था. इसे जेटी पर बनाया गया था और उसकी गहराई मात्र 4 फीट है. ताकि इसमें डूबने का खतरा न रहे.
महाकुंभ 2025 में भी सरकार ने फ्लोटिंग बाथकुंड की सुविधा पर्यटकों को उपलब्ध कराई थी. यह खासकर उन लोगों के लिए बनाया गया था जिन्हें भीड़ में स्नान करना पसंद नहीं और जो वीआईपी ट्रीटमेंट चाहते हैं. महाकुंभ ये सरस्वती, अरैल और किला आदि घाट पर बनाए गए थे. इनके साथ ही श्रद्धालुओं के चेंजिंग रूम भी उपलब्ध कराए गए थे.
अयोध्या में पर्यटकों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार धार्मिक पर्यटन को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देने की कोशिश में जुटी है. इसी कड़ी में योगी सरकार ने वाराणसी और प्रयागराज महाकुंभ के अनुभव को अब अयोध्या में आजमाने का फैसला किया है.
अयोध्या में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार अब सरयू नदी में फ्लोटिंग स्नान कुंड का निर्माण करने जा रही है. आधुनिक सुविधाओं से लैस इस फ्लोटिंग स्नानकुंड में 300 श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे.
योगी सरकार ने ये फैसला अयोध्या में होने वाले धार्मिक आयोजनों और मेले में पहुंचने वाली श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए लिया है. फ्लोटिंग स्नानुकंड का आनंद लेने के लिए श्रद्धालुओं को कुछ फीस चुकानी होगी जिससे उन्हें सुविधाजनक स्नान की सुविधा मिलेगी और उनकी यात्रा भी यादगार बनेगी.
फ्लोटिंग स्नानकुंड में श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सेफ्टी बैरियर, रेलिंग, चेंजिंग रूम, बेंच और सोलर लाइट, एमरजेंसी सपोर्ट बोट, शॉपिंग आदि की व्यवस्था होगी. अयोध्या में फ्लोटिंग स्नानकुंड बनाने से पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.