अजब शादी की गजब कहानी, 45 दिनों से हो रहा है विदाई का इंतज़ार
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अजब शादी की गजब कहानी, 45 दिनों से हो रहा है विदाई का इंतज़ार

कानपुर के रहने वाले 30 साल के इम्तियाज़ शादी के लिए बारात लेकर बेगूसराय गए थे. बारात की वापसी के दिन ही पहले जनता कर्फ्यू लग गया और फिर लॉकडाउन.  अब 45 दिन हो चुके हैं लेकिन बारात की वापसी नहीं हो पा रही. जब तक बारातियों के पास पैसे थे, तब तक को काम चलता रहा. लड़की पक्ष का कहना है कि अब उनके लिए बारातियों को नमक-रोटी खिलाना भी मुहाल हो रहा है. 

अजब शादी की गजब कहानी, 45 दिनों से हो रहा है विदाई का इंतज़ार

सुमित अवस्थी/कानपुर: दुल्हन को साथ ले जाने कानपुर से आई बारात लॉकडाउन के चलते खुद ही बेगूसराय में फंस गई है. शादी करने के लिए बेगूसराय आए अब 45 दिन हो चुके हैं लेकिन बारात की वापसी नहीं हो पा रही. बारातियों के पैसे भी अब ख़त्म हो चुके हैं और लड़की वालों के आर्थिक हालात भी कुछ अच्छे नहीं हैं. ऐसे में बारातियों की खातिरदारी छोड़िए, उन्हें नमक-रोटी खिलाना भी उनके लिए मुश्किल हो रहा है. 

कानपुर से आए, बेगूसराय में अटके 
कानपुर के रहने वाले 30 साल के इम्तियाज़ की शादी बेगूसराय की खुशबू खातून के साथ तय हुई थी. शादी के लिए इम्तियाज अपने पिता और 10 नाते-रिश्तेदारों को लेकर बेगूसराय के फतेहपुर गांव पहुंचा. 21 मार्च को शादी थी, लिहाजा 20 मार्च को ही बारात गांव पहुंच गई. शादी तो तय वक्त पर हो गई लेकिन बारात की वापसी के दिन ही पहले जनता कर्फ्यू लग गया और फिर लॉकडाउन. आवाजाही बंद होने की वजह से सभी बाराती वहीं बेगूसराय में फंस गए. लॉकडाउन बढ़ने के साथ ही बारात लौटने का इंतज़ार भी बढ़ता ही जा रहा है.

लड़की वालों की आफत, 'बारातियों को खिलाएं क्या?'
जब तक बारातियों के पास पैसे थे, तब तक को काम चलता रहा. इसके बाद कुछ दिनों लड़की वालों ने उसके ससुरालियों की आवभगत का ज़िम्मा उठाया, लेकिन उनका भी बजट जब डगमगाने लगा तो मुश्किल बढ़ गई. लड़की पक्ष का तो ये कहना है कि अब उनके सामने संकट ये है कि बारातियों को नमक-रोटी खिलाना भी मुहाल हो रहा है. 

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कानपुर में हो रहा है बारात लौटने का इंतज़ार 
दूल्हे के घर और पड़ोस में भी आफ़त आ पड़ी है. घर के पुरुष सदस्य तो बारात में गए थे, लेकिन महिलाएं घर पर ही थीं. अब उनके भी पैसे खर्च हो चुके हैं, लिहाजा पड़ोसियों के सहारे गुजारा हो रहा है. दूल्हे की मां कहती हैं कि हालात ये हैं कि उन्हें नमक खाकर रोज़ा तोड़ना पड़ रहा है. दूल्हे की बहन बताती हैं कि मोहल्ले के जो लोग बारात में गए थे, उनके परिजन भी रोज़ाना पूछने आते हैं कि बारात कब लौटेगी?

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बारात की वापसी के लिए प्रशासन का सहारा 
हालात के मारे बारातियों ने गांव के मुखिया के साथ मिलकर ज़िला प्रशासन से गुहार लगाई है कि दुल्हन समेत बारात की रुखसती करा दी जाए.  पुलिस और प्रशासन ने इस बाबत प्रयास भी शुरू कर दिए हैं और आला अधिकारियों को मामले से अवगत करा दिया है. इधर यूपी और बिहार के मुख्यमंत्रियों से भी बारातियों के परिजनों ने बारात की वापसी की अपील की है. 

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