लखनऊ: अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस मामले की सुनवाई में ये हफ्ता बेहद खास है, सीबीआई की विशेष अदालत में 23 जुलाई को मुरली मनोहर जोशी और 24 जुलाई को लालकृष्ण आडवाणी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही होनी है.


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सीआरपीसी की धारा 313 के तहत बयान उनके आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दर्ज कराए जाएंगे. आरोपियों की सुझाई गई तारीखों की सूची एनआईसी को भेज दी गई है और सुनवाई के वक्त बेहत कनेक्टिविटी की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं. वहीं, दोनों नेताओं से पहले 21 जुलाई को सोनीपत जेल में बंद आरोपी रामचंद्र खत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही होगी.


31 अगस्त तक हर हाल में होनी है सुनवाई
आपको बता दें कि ढांचा विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त, 2020 तक सुनवाई पूरी करने के आदेश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साक्षी महाराज, राम विलास वेदांती और बृज भूषण शरण सिंह समेत 32 आरोपियों के बयान दर्ज करने के लिए कहा है. जिसमें कई बड़े नेताओं ने अपने बयान सीबीआई की विशेष अदालत में दर्ज भी करा दिए हैं.


क्या था मामला
6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद के ढांचे को उन्मादी भीड़ ने गिरा दिया था. मामले की रिपोर्ट 6 दिसंबर 1992 को थाना राम जन्मभूमि में दर्ज कराई गई थी. मामले की जांच सीबीआई ने की. मामले में सीबीआई ने 49 आरोपितों के खिलाफ विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था. इनमें से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, विनय कटियार, राम विलास वेदांती, चंपत राम बंसल और महंत नृत्य गोपाल दास समेत 32 आरोपितों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है.