भगवान शिव के भक्तों के लिए बड़ी खबर, 600 साल बाद बदल गया बद्रीनाथ का छत्र
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भगवान शिव के भक्तों के लिए बड़ी खबर, 600 साल बाद बदल गया बद्रीनाथ का छत्र

इस भव्य छत्र को पंजाब में लुधियाना के ज्ञानसेन सूद परिवार ने अपने दादा मुक्त महाराज की स्मृति में चढ़ाया है.

भगवान बद्रीनाथ का छत्र 4 किलोग्राम सोना और रत्नों से जड़ा हुआ है. तस्वीर साभार: www.badarikedar.org

देहरादून: भगवान शिव के भक्तों के लिए उत्तराखंड से बड़ी खबर आई है. विश्व प्रसिद्ध भगवान बद्रीनाथ मंदिर का छत्र बुधवार को बदला गया है. ऐसा 600 साल बाद हुआ है. इस बार भगवान बद्रीनाथ का छत्र 4 किलोग्राम सोना और रत्नों से जड़ा हुआ है. इस भव्य छत्र को पंजाब में लुधियाना के ज्ञानसेन सूद परिवार ने अपने दादा मुक्त महाराज की स्मृति में चढ़ाया है.

  1. बद्रीनाथ मंदिर के छत्र को बदलने का फैसला पिछले साल हुआ था
  2. लुधियाना के ज्ञानसेन सूद परिवार ने बदलवाया है बद्रीनाथ मंदिर का छत्र
  3. बारिश के चलते शाम को बदला जा सका बद्रीनाथ का छत्र

भगवान बद्रीनाथ को छत्र चढ़ाने के दौरान ज्ञानसेन सूद के परिवार, नातेदार, रिश्तेदार और गांव के 300 से ज्यादा लोग मंदिर में मौजूद थे. भीषण बारिश के चलते छत्र बदलने के कार्यक्रम में थोड़ा बदलाव किया गया. बारिश थमने पर सूद परिवार ने शाम पांच बजे भगवान बद्रीनाथ को छत्र अर्पित किया.

बताया जाता है कि ज्ञानसेन सूद के परिवार के पूर्वज दादा गुरु महर्षि मुक्तजी ने 1918 में पहली बार बद्रीनाथ धाम की यात्रा पर आए थे. इसकी शताब्दी वर्ष पूरा होने के मौके पर इस परिवार ने छत्र अर्पित किया है.

गुप्ता बंधू भगवान बद्रीनाथ को देना चाहते थे छत्र
कथित भ्रष्टाचार के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच का सामना कर रहे विवादित गुप्ता बंधुओं की ओर से बद्रीनाथ मंदिर के गर्भगृह की छत पर सोने की परत चढ़ाने के प्रस्ताव पर बद्रीनाथ—केदारनाथ मंदिर समिति ने उत्तराखंड सरकार से दिशा—निर्देश देने का आग्रह किया था, जिसे नकार दिया गया था. मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि उन्हें पता चला है कि बद्रीनाथ मंदिर के गर्भगृह की छत पर सोने की परत चढ़ाने का प्रस्ताव देने वाले गुप्ता बंधुओं पर आपराधिक मामले चल रहे हैं और उनकी जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है.

उन्होंने कहा, 'इन जानकारियों को देखते हुए समिति का गठन करने वाले राज्य सरकार के धर्मस्व संस्कृति विभाग को एक पत्र लिखा गया था और उन्हें इस प्रस्ताव की जानकारी प्रवर्तन निदेशालय को देने का आग्रह किया था. साथ ही मैंने उनसे समिति को ये दिशा निर्देश भी देने का आग्रह किया है कि अगर गुप्ता बंधु अपने प्रस्ताव के अनुरूप मंदिर में दान चढ़ाने आते हैं तो उसे स्वीकार किया जाये या नहीं.' 

हांलाकि, गोदियाल ने साफ किया कि गुप्ता बंधुओं की ओर से पिछले साल दिये प्रस्ताव के बाद से आज तक समिति से इसे लेकर कोई संपर्क नहीं किया गया है कि वह मंदिर में दान कब चढाना चाहते हैं.

मंदिर समिति के अध्यक्ष ने कहा कि ​गुप्ता बंधु पिछले साल बद्रीनाथ के दर्शन के लिए आये थे और वहां आयोजित एक कथा में सम्मिलित हुए थे और तभी उन्होंने बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिरों के गर्भगृहों की छतों को सोने का बनाने का प्रस्ताव दिया था.

उन्होंने बताया कि मंदिर समिति के बोर्ड की बैठक ने पिछले साल 27 नवंबर को यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया था और उस समय गुप्ता बंधुओं पर किसी आरोप की समिति को कोई सूचना नहीं थी.

इस साल मई में गुप्ता बंधुओं के दान चढ़ाने आने की चर्चाओं के संबंध में गोदियाल ने कहा कि आगामी 15 मई से बद्रीनाथ में वही कथा शुरू हो रही है और संभवत: इसी वजह से इन चर्चाओं ने जोर पकड़ा है.

गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका के राष्टपति जैकब जुमा के करीबी रहे गुप्ता बंधु त्रय—अजय, राजेश और अतुल कथित भ्रष्टाचार के आरोपों में प्रवर्तन निदेशालय की जांच का सामना कर रहे हैं. मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले गुप्ता बंधुओं के कई ठिकानों पर आयकर विभाग ने भी छापे मारे हैं.

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